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बाबूलाल मरांडी के मुद्दे पर सदन में नोकझोंक, आसन के सामने भाजपा विधायकों ने की नारेबाजी; स्पीकर को रोकनी पड़ी कार्यवाही

Babulal Marandi भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के मुद्दे पर सदन का माहौल गरमा गया। इसपर सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों में जमकर नोकझोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है। सभी लोग शांति से सदन चलने दें। हालांकि विधायक नहीं माने जिसकी वजह से स्पीकर को कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

By Dilip Kumar Edited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 22 Dec 2023 09:58 AM (IST)
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बाबूलाल मरांडी के मुद्दे पर सदन में नोकझोंक, आसन के सामने भाजपा विधायकों ने की नारेबाजी

राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के मुद्दे पर सदन का माहौल गरम हो गया। मरांडी ने आरोप लगाया था कि बुधवार को स्पीकर ने दुर्भावना से ग्रसित होकर उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया।

इसपर सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों में जमकर नोकझोंक हुई। दोनों पक्ष हंगामा करते हुए आसन के सामने पहुंच गए और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। भाजपा के विधायकों ने सदन में तानाशाही नहीं चलेगी, विपक्ष की आवाज दबाना बंद करो... की नारेबाजी की।

विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही रोकनी पड़ी

हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो को कार्यवाही रोकनी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है। सभी लोग शांति से सदन चलने दें। आसन से सभी सदस्यों से शांति-व्यवस्था कायम करने की अपील की जाती रही, इसके बाद भी किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।

बाबूलाल मरांडी पर कार्रवाई से संबंधित सत्ता पक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जो भी नियमानुकूल होगा, उसके अनुरूप वे कार्रवाई करेंगे। गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक प्रदीप यादव ने व्यवस्था का सवाल उठाते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी ने आसन पर आरोप लगाया है कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया गया है।

अध्यक्ष पर या आसन पर आरोप सदन की अवमानना है। बाबूलाल मरांडी पर आसन को कार्रवाई करनी चाहिए। अवैध खनन का पैसा दाहू यादव के पास से पकड़ाता है तो भाजपा विधायक उसे मुख्यमंत्री का पैसा बताते हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अगर उनका सवाल विधिसम्मत नहीं है तो वे अपना प्रस्ताव वापस ले लेंगे।

विधायक प्रदीप यादव की मांग को विधायक स्टीफन मरांडी, सरफराज अहमद, मंत्री आलमगीर आलम ने भी इसे सही ठहराया। तीनों ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा की अवमानना की है, उनपर कार्रवाई की जानी चाहिए। इसपर भाजपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और आसन के करीब पहुंच गए।

मरांडी को बोलने का अधिकार, प्रदीप यादव माफी मांगें: बाउरी

नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने प्रदीप यादव के आरोपों पर जोरदार तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बाबूलाल इसी सदन के सदस्य हैं। किसी के आशीर्वाद से यहां नहीं पहुंचे हैं, उन्हें राज धनवार की जनता ने यहां चुनकर भेजा है। उनको यहां बोलने और जनता की आवाज उठाने का अधिकार है।

विधानसभा की खाता-बही में बाबूलाल मरांडी झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष हैं तो इस नाते भी उन्हें सदन में बोलने का अधिकार है। अगर उन्हें बोलने ही नहीं देना है तो उन्हें हमेशा के लिए निलंबित कर दिया जाए। ऐसे में प्रदीप यादव को अपने बयान पर माफी मांगना चाहिए।

अमर बाउरी का इतना कहना था कि प्रदीप यादव फिर से सदन में खड़े हो गए और जोर-जोर से कहने लगे कि वे चार साल से सदन में जेवीएम विधायक दल के नेता हैं। अगर बाबूलाल मरांडी को अपने क्षेत्र की जनता की समस्या उठाना था तो आज तक उन्होंने एक बार भी मुझसे समय नहीं मांगा। ऐसे में उनका बयान असंवैधानिक और आसन के खिलाफ है।

बाबूलाल को चार साल में एक बार भी बोलने नहीं दिया गया

रांची से भाजपा के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि चार साल के अंदर बाबूलाल मरांडी को एक बार भी सदन में बोलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसा क्यों किया, यह समझ से परे है। ये कांग्रेसी विधायक किस मुंह से बाबूलाल मरांडी पर कार्रवाई की मांग करते हैं।

इनके नेता राहुल गांधी सदन के भीतर से लेकर बाहर तक मिमिक्री करते हैं, तब ये क्यों चुप्पी साध लेते हैं। इसपर सत्ता पक्ष के विधायक हंगामा करने लगे। हंगामे के चलते शून्यकाल की सूचनाएं नहीं ली जा सकी। उसे पढ़ा हुआ मान लिया गया।

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