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Chandra Grahan 2022: आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगेगा चंद्र ग्रहण; जानें, गंगा स्नान कब करना होगा पुण्यकारी

Chandra Grahan 2022 Today Timing in India इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज लगेगा। वहीं आज कार्तिक पूर्णिमा भी है। श्रद्धालु स्नान-ध्यान के साथ पूजा करने के लिए विभिन्न नदियों के तट पर जुटेंगे। ऐसे में आज गंगा स्नान कब करना पुण्यकारी होगा जानें...

By Jagran NewsEdited By: Sanjay KumarUpdated: Tue, 08 Nov 2022 07:41 AM (IST)
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Chandra Grahan 2022 Today Timing in India: आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगेगा चंद्र ग्रहण।

रांची, जासं। Chandra Grahan 2022 Today Timing in India राजधानी रांची समेत राज्यभर में कार्तिक पूर्णिमा आज यानी मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। रांची के स्वर्णरेखा नदी इक्कसवीं महादेव मंदिर के तट पर आज लाखों श्रद्धालु स्नान-ध्यान के साथ पूजा करने के लिए जुटेंगे। कार्तिक पूर्णिमा से पूर्व संध्या में ही पूरे परिसर में मेला लग चुका है। इसके अलावा इस साल स्वर्णरेखा नदी का पानी गंदा होने के कारण स्नान के लिए विशेष 14 जलमीनार समिति के द्वारा बनाये गए है।

आज लग रहा चंद्र ग्रहण

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार को चंद्र ग्रहण लग रहा है। आज संध्या 5:10 बजे से 6:19 मिनट तक चंद्र ग्रहण रहेगा। जिसके कारण मंदिर के पट रात 4 बजे से सुबह 8:38 मिनट के बाद बंद हो जाएंगे। इसे बाद सूतक लग जाएगा। सूतक लगने के कारण सभी शुभ कार्य बंद हो जाते है। सूतक लगने के बाद मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। हालांकि मेला और खाने पीने के आयोजन चलते रहेंगे।

अरुणोदय काल में गंगा स्नान करना पुण्यकारी होगा

बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा आज है। इसे गंगा स्नान भी कहा जाता है। लोग व्रत रखते हैं। भोर में गंगा स्नान कर पूजन, दान करते हैं। इस बार आठ नवंबर को ही साल का आखरी चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। चंद्रग्रहण के चलते कई कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है। पंडितों का कहना है कि ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में अरुणोदय काल में गंगा स्नान करना पुण्यकारी होगा।

अलग-अलग नदियों के घाट में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था

सोमवार को ही मेला लगना शुरू हो गया है। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा को लेकर दान की तैयारी भी पूरी हो चुकी है। लोग अपने जरूरत के अनुसार दान-दक्षिणा देंगे। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर झारखंड में बहने वाली गंगा नदी, स्वर्णरखा, दामोदर, कोयल, खरकई और शंख नदी समेत अन्य छोटी-बड़ी नदियों के किनारे सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है। अलग-अलग नदियों के घाट में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर नदियों में स्नान कर तट पर अवस्थित मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे।

स्वणरेखा नदी का पानी गंदा, नहाने लायक नहीं, कराया गया जलमीनार का निर्माण

कार्तिक पूर्णिमा को लेकर स्वर्णरेखा नदी के तट पर मेला लग चुका है। पोस्टर, बैनर, साउंड, बाक्स, खिलौनों की दुकान समेत मेला सज चुकी है। पर स्वर्णरेखा नदी का पानी गंदा होने के कारण लोग बहती नदी में इस साल स्नान नहीं कर सकेंगे। हालांकि स्नान के लिए अलग से समिति के सदस्यों द्वारा जलमीनार का निर्माण कराया गया है। वहीं स्वर्णरेखा नदी का पानी गंदा होने के पीछे सबसे बड़ी वजह हरमू नदी का पानी है। हरमू नदी के सिवरेज और ड्रेनेज का पानी इक्कसवीं महादेव मंदिर के तट पर मिलता है। जिससे पूरे इक्कसवीं महादेव मंदिर के पास मौजूद स्वर्णरेखा का पानी काला और गंदा हो गया है। पानी इतना गंदा हो चुका है कि इसमें डूबकी लगाना किसी के बस में नही है।

मेले में बच्चों के लिए लगे झूले

कार्तिक पूर्णिमा को लेकर स्वर्णरेखा केतारी बगान के तट पर मेला सज चुका है। इस साल बच्चों के लिए कई प्रकार के झूले लगे हुए है। जिसमें नाव, जंपिंग-जंपिंग, कार-बाइक झूला, छोटा टोरा-टोरी आदि झूले लग चुके है। इसके आलवा कई खिलौने की दुकान लगी हुई है।

क्या कहते है समिति के लोग

  • स्वर्णरेखा जीर्णोद्धार समिति अध्यक्ष मखन पाठक का कहना है कि स्वर्णरेखा जीर्णोद्धार समिति के सदस्यों द्वारा स्वर्णरेखा नदी के तट पर पूजा और मेला की तैयारी पूरी कर ली गई है। समिति के द्वारा मेला शांतिपूर्ण ढ़ंग से संपन्न हो इसके लिए सुरक्षा की व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। जिला पुलिस, सीसीटीवी कैमरा और समिति के सदस्यों को विशेष निर्देश दिया गया है।
  • स्वर्णरेखा जीर्णोद्धार समिति के सदस्य राज कहना है कि नदी की साफ-सफाई एक सप्लाह पहले समिति के सदस्यों द्वारा किया गया है। पर स्वर्णरेखा नदी का पानी काफी गंदा हो चुका है। इसकी सफाई एक महीनें तक जेसीबी से की जायेगी तक जाकर नदी साफ हो सकता है। साथ ही हरमू नदी का गंदा पानी स्वर्णरेखा नदी में मिलने से रोकना होगा।