Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jharkhand Politics: हैदराबाद नहीं जाना चाहते थे कांग्रेस के कई विधायक, मनाने के लिए प्रभारी पहुंचे गेस्ट हाउस

झारखंड में सियासी हलचल जारी है। इस बीच यह बात सामने आई है कि कांग्रेस के कई विधायक हैदराबाद नहीं जाना चाहते थे। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि वे गठबंधन के साथ हैं। चंपई सोरेन सरकार के बहुमत परीक्षण के दौरान वे सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे। विधायकों को मनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर को आना पड़ा।

By Pradeep singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 02 Feb 2024 08:10 PM (IST)
Hero Image
हैदराबाद नहीं जाना चाहते थे कांग्रेस के कई विधायक, मनाने के लिए प्रभारी पहुंचे गेस्ट हाउस

प्रदीप सिंह, रांची। कांग्रेस के ज्यादातर विधायक चाहते हैं कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी के नए चेहरों को मौका दिया जाए। शुक्रवार को इसे लेकर बड़े पैमाने पर पार्टी विधायकों की नाराजगी भी सामने आई। ऐसे विधायक हैदराबाद जाने को तैयार नहीं थे। सुबह जैसे ही यह सूचना कांग्रेस नेतृत्व को मिली तो विधायकों को मनाने के प्रयास आरंभ हो गए।

विधायकों का कहना था कि वे गठबंधन के साथ हैं। चंपई सोरेन सरकार के बहुमत परीक्षण के दौरान वे सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे। वे शीर्ष नेतृत्व का हर आदेश मानने को तैयार हैं, लेकिन नेतृत्व उनकी बातों पर गौर करे। स्थिति को संभालने और विधायकों को मनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर को स्टेट गेस्ट हाउस आना पड़ा।

'किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा'

विधायकों ने यह भी कहा कि वे अपने नेता राहुल गांधी का स्वागत करने जाना चाहते हैं। वे हैदराबाद नहीं जाएंगे, लेकिन प्रदेश प्रभारी ने भरोसा दिलाया कि सबकी बातें मानी जाएगी। किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा। इसके बाद विधायक हैदराबाद जाने को तैयार हुए।

विधायकों ने यह भी बताया कि हेमंत सरकार के गठन के वक्त यह फॉर्मूला तय हुआ था कि सबको मौका मिलेगा। ढाई वर्ष के बाद कांग्रेस कोटे से नए चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाएगा, लेकिन इसपर अमल नहीं हुआ। उस वक्त आरपीएन सिंह प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी थे। निर्णय हुआ था मंत्रिमंडल में दो टर्म के विधायकों को शामिल किया जाएगा।

सीएम नए हैं, टीम भी नया हो- इरफान अंसारी

जामताड़ा के कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने हैदराबाद से मोबाइल पर 'दैनिक जागरण' से बात करते हुए कहा कि चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं। वे नए हैं तो टीम भी नई हो। जो मंत्री अभी तक कांग्रेस कोटे से थे, उनका प्रदर्शन ठीक नहीं था। प्रभारी के आश्वासन पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि हम आलाकमान का निर्देश मानेंगे। हैदराबाद से आकर पक्ष में मतदान करेंगे। इरफान बोले - हमारे कोटे के मंत्री पदाधिकारी के इशारे पर काम करते थे। अधिकारी गलत काम मंत्रियों से करा लेते हैं और बाद में सरकार फंस जाती है। पदाधिकारी राज करते हैं। नए मुख्यमंत्री का नया टीम होना चाहिए।

हम अकेले यादव विधायक, हमारी अवहेलना नहीं हो - उमाशंकर अकेला

बरही के कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि वे यादव समाज से अकेला विधायक हैं। राज्य में यादवों की बड़ी आबादी को ध्यान में रखकर निर्णय होना चाहिए। उनका राजनीति में 40-45 वर्षों का अनुभव है। वे सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते आए हैं। फ्लोर टेस्ट में जाएंगे। फोरम पर अपनी बातें रखते रहेंगे। आग्रह है कि भावनाओं की अवहेलना नहीं की जाए। पार्टी जो चाहेगी, उसी मुताबिक निर्णय करेंगे। कहा कि वे लगातार जीतते आए हैं।

ये भी पढ़ें- Jharkhand Politics: 'कांग्रेस से सतर्क रहें चंपई सोरेन...', बाबूलाल मरांडी की नए मुख्यमंत्री को सलाह

ये भी पढ़ें- Jharkhand Politics: 5 फरवरी को चंपई सोरेन की 'अग्निपरीक्षा', विधानसभा में साबित करना होगा बहुमत