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नेशनल प्रत‍ियोग‍िता में पहुंचे पहलवानों को मटन, मछली की जगह म‍िल रही आलू की सब्जी, कैसे द‍िखाएंगे दम

Ranchi News होटवार स्थित स्पोर्ट्स कॉन्प्लेक्स में चल रहे हैं अंडर -15 राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेने वाले पहलवानों को अपनी सेहत के साथ समझौता करना पड़ रहा है। पहलवानों को तीनों वक्त आलू की सब्जी परोसी जा रही है

By Madhukar KumarEdited By: Updated: Thu, 16 Dec 2021 07:02 PM (IST)
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Ranchi News: पहलवानों को मटन, मछली की जगह दी जा रही है आलू की सब्जी, कैसे जीतेंगे मेडल

रांची, (अनुज त‍िवारी)। होटवार स्थित स्पोर्ट्स कॉन्प्लेक्स में चल रहे हैं अंडर -15 राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेने वाले पहलवानों को अपनी सेहत के साथ समझौता करना पड़ रहा है। पहलवानों को तीनों वक्त आलू की सब्जी परोसी जा रही है जबकि उनके डाइट के अनुसार उनके भोजन में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होनी चाहिए। ऐसे में पहलवानों के समक्ष मेडल जीतना भी एक चुनौती बन गई है।

दूसरे दिन सुबह से मिल रही आलू ही आलू

पहलवानों को आज दूसरे दिन आलू-चने की सब्जी, सिर्फ आलू की सब्जी और चावल दाल दिया जा रहा है। इनमें से किसी पहलवान को अगर रोटी चाहिए तो उसे उपलब्ध करा दिया जा रहा है। लेकिन पहलवानों को ना ही बदाम दिया जा रहा है, ना ही दूध की व्यवस्था है, ना ही जूस की व्यवस्था है। इसके अलावे ना ही चिकन या मटन उपलब्ध कराया जा रहा है।

26 राज्यों के पहलवान लेंगे हिस्सा

इस चैंपियनशिप में देश के 26 राज्यों के पहलवान भाग लेने आए हैं, जिन्हें स्पोर्ट्स कंपलेक्स के मुख्य स्टेडियम में रहने की जगह दी गई है और यहीं पर भोजन की भी व्यवस्था इन खिलाड़ियों के लिए की गई है।

पहलवानों ने बताई अपनी पीड़ा

मध्य प्रदेश से आए पहलवान भानु प्रताप और नितिन सिंह बताते हैं कि आलू खाकर उनका पेट भारी हो जा रहा है। जबकि पहलवानों को बैलेंस डाइट उपलब्ध कराना चाहिए था ताकि वह अच्छे तरीके से अपना परफॉर्मेंस दे सके।

दूसरी ओर पंजाब से आए पहलवान सुनील कुमार ने बताया कि पहली बार किसी चैंपियनशिप के दौरान ऐसा डाइट मिल रहा है, जिसमें प्रोटीन ही गायब है। जबकि हर एक पहलवान को दो से ढाई लीटर दूध और 1 लीटर जूस मिलना ही चाहिए। अगर बदाम मिले तो इससे पहलवान मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं।

इधर उत्तर प्रदेश से आए पहलवान जय सिंह बताते हैं कि वह सिर्फ पेट भरने के लिए भोजन कर रहे हैं जबकि कुश्ती में काफी ताकत की जरूरत होती है और ऐसे में प्रोटीन मिलना ही चाहिए। उन्होंने बताया हालांकि पहले दिन सुबह और रात में अंडे की व्यवस्था जरूर की गई थी लेकिन दूसरे दिन से ही यह व्यवस्था गायब दिख रही है। इन सभी ने आयोजक से भी इस बारे में बात की है।