Odisha Train Tragedy में जिन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया, उनके लिए साहिबगंज जिला प्रशासन का बड़ा ऐलान
Odisha Train Tragedy दो जून को दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन में साहिबगंज के छह युवक थे। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। पुरानी साहिबगंज के नकुल उर्फ भीम चौधरी लापता हैं। इनके बच्चों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में मारे गए जिले (साहिबगंज) के लोगों के बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जाएगा। दैनिक जागरण में इस संबंध में खबर छपने के बाद जिला प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया है।
मृतकों के परिवार के साथ साहिबगंज का जिला प्रशासन
उपायुक्त राम निवास यादव ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी को ट्रेन हादसे में मृत लोगों के घर जाकर जांच करने और बच्चों को जल्द सारी योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने कहा।
उपायुक्त ने कहा कि दुख की इस घड़ी में जिला प्रशासन मृतकों के स्वजनों के साथ खड़ा है। उनके दुख को कम नहीं किया जा सकता, लेकिन परिवार को सरकार की योजनाओं से जोड़कर थोड़ी बहुत राहत जरूर दे सकते हैं।
मृतकों के बच्चों को हर माह मिलेंगे चार हजार रुपये
डीसीपीयू पूनम कुमारी ने कहा कि योजना के मुताबिक एक परिवार के दो बच्चों को लाभ देने का प्रविधान है। पूर्व में दो हजार रुपया प्रतिमाह बच्चे को मिलता था। इस वित्तीय वर्ष से उसे बढ़ाकर चार हजार रुपया किया गया है। यह राशि बच्चों के शिक्षा, पोषण, कपड़ा के लिए दिया जाता है। इन बच्चों को कम से कम आंगनबाड़ी में शिक्षा लेना अनिवार्य है।
बच्चों के साथ नकुल उर्फ भीम चौधरी की पत्नी
दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन में थे साहिबगंज के छह युवक
पूनम कुमारी ने कहा कि बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ तो मिलेगा ही साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं से जोड़ा जाएगा। मृतका की पत्नी को विधवा पेंशन का भी लाभ दिलाया जाएगा। पीएम आवास सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी।
गौरतलब है कि दो जून को दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन में साहिबगंज के छह युवक थे। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। उनके शव का अंतिम संस्कार हो चुका है। पुरानी साहिबगंज के नकुल उर्फ भीम चौधरी लापता हैं। स्वजनों ने एक शव की पहचान की है। हालांकि, डीएनए रिपोर्ट अब तक न आने से शव स्वजनों को अब तक सौंपा नहीं गया है।
राम मोहन चौधरी की पत्नी पांच माह की गर्भवती
ट्रेन हादसे में मारे गए पुरानी साहिबगंज निवासी राम मोहन चौधरी को ढाई साल की एक बेटी है। पत्नी मनीषा कुमारी पांच माह की गर्भवती है। दंपती ने नए शिशु के आगमन को लेकर हसीन सपने देखे थे। राम मोहन पत्नी को बोलकर गया था कि शिशु के जन्म से समय छुट्टी लेकर आएंगे। पत्नी को अपना और गर्भ में पल रहे बच्चे का ख्याल रखने को कहा था, लेकिन कुदरत को यह मंजूर नहीं था।
मृतकों के बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ
घटना के बाद पत्नी मनीषा कुमारी का रो-रोकर बुरा हाल है। पति का शव तो साहिबगंज पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार के बाद दशकर्म भी हो चुका है। रेल प्रशासन ने 9.5 लाख का चेक और 50 हजार नकद दिया है, लेकिन इससे दुख कम नहीं हुआ है। उसकी इकलौती बेटी को स्पाॅन्सरशिप योजना से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा नकुल उर्फ भीम चौधरी की मौत की पुष्टि होती है तो उनके बच्चों को भी योजना से जोड़ा जाएगा। घायल अनथ चौधरी के बच्चों को भी सहायता मिलेगी।