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Sahibganj News: धान की फसल में फैल रही 'बुढ़ि‍या' बीमारी, ऐसे करें बचाव; कृषि अध‍िकारी भी हुए सक्रिय

Sahibganj News तालझारी प्रखंड अंतर्गत करणपुरा व तालझारी पंचायत के विभिन्न गांव में लगे धान फसल में इन दिनों शीत ब्लाइट जैसी स्थानीय भाषा में बुढ़िया नामक बीमारी फैली हुई है। यह एक प्रकार का फंगल रोग है जो धान फसल के कल्ले निकलने से बाली निकलने तक होता है। जल के समीप पत्तों पर भूरे अंडाकार धब्बे बनते हैं और बढते हुए पूरे पत्तों में फैल जाते हैं।

By Kalicharan MandalEdited By: Prateek JainUpdated: Mon, 23 Oct 2023 01:13 AM (IST)
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तालझारी में किसानों को फफूंदी नाशक दवा का वितरण करते कृषि फार्म के ओम प्रकाश पंडित
संवाद सहयोगी, तालझारी। तालझारी प्रखंड अंतर्गत करणपुरा व तालझारी पंचायत के विभिन्न गांव में लगे धान फसल में इन दिनों शीत ब्लाइट जैसी स्थानीय भाषा में बुढ़िया नामक बीमारी फैली हुई है। यह एक प्रकार का फंगल रोग है, जो धान फसल के कल्ले निकलने से बाली निकलने तक होता है।

जल के समीप पत्तों पर भूरे अंडाकार धब्बे बनते हैं और बढते हुए पूरे पत्तों में फैल जाते हैं। बाद मे धब्बे का रंग भूरा सफेद हो जाता है। यह बीमारी पौधों की बढ़ने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करती है। इसके बाद फसलों को काफी नुकसान होता है।

इससे जुड़ी खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित होने के बाद कृषि विभाग के अधिकारी रेस हो गए हैं और जांच के आदेश दिए है।

जांच के उपरांत तालझारी प्रखंड के तालझारी पंचायत के बागजोरी गांव के 18, निपनिया के नौ, सेमलजोरी के आठ, दुधकोल के 67, नवघट्टा के 15 व करणपुरा पंचायत के भीक्टि गांव के पांच, बड़ा हरिणकोल के चार कुल 126 किसान को चिह्नित किया गया है, जिनके खेतों में यह बीमारी फैली हुई है।

किसानों से कराया जा रहा फसल का निबंधन

दोनों पंचायत के चिह्नित सभी किसानों को कीटनाशक दवा का वितरण किया गया। दवा छिड़काव के बाद धान फसल में बीमारी कम होगी। जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का ने बताया कि बीमारी से बचाव के लिए बीज का उपचार आवश्यक है।

गरमा जुताई करने पर इस बीमारी से फसल को बचाया जा सकता है। सभी किसान को निबंधन कराया जा रहा है, ताकि झारखंड फसल राहत योजना का लाभ मिल सके। निबंधन 30 नवंबर तक होना है।

30 से 50 प्रतिशत तक फसल नुकसान होने पर प्रति एकड़ 3000 रुपया और 50 प्रतिशत से अधिक होने पर 4000 हजार रुपया प्रति एकड़ दिया जाएगा। इस योजना का लाभ इन किसानों को अवश्य मिलेगा। हर किसान अपना निबंधन 10 रुपया प्रज्ञा केन्द्र में देकर करा ले। बीमा की कोई आवश्यकता नहीं है।

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