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Chaibasa: मेरेलगड़ा लौह अयस्क खदान नीलाम, ओडिशा की अग्रसेन स्पंज को 50 साल के लिए मिला खनन पट्टा

Jharkhand पश्चिमी सिंहभूम जिले में बंद पड़ी आयरन ओर माइन्स को ई-नीलामी के जरिये खोलने की सरकारी प्रक्रिया चल रही है। इस क्रम में नोवामुंडी में तैयार किए गए मेरेलगड़ा आयरन ओर ब्लॉक को झारखंड सरकार ने सफलता पूर्वक ई-ऑक्शन के जरिये आवंटित कर दिया है। अग्रसेन स्पंज ने इस माइंस को काफी ऊंचे दाम पर खरीदा है। 200.1 फीसद प्रीमियर राशि पर बिडिंग अपने नाम की है।

By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Fri, 11 Aug 2023 12:57 AM (IST)
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मेरेलगड़ा लौह अयस्क खदान नीलाम, ओडिशा की अग्रसेन स्पंज को 50 साल के लिए मिला खनन पट्टा

जागरण संवाददाता, चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में बंद पड़ी आयरन ओर माइन्स को ई-नीलामी के जरिये खोलने की सरकारी प्रक्रिया चल रही है।

इस क्रम में नोवामुंडी में तैयार किए गए मेरेलगड़ा आयरन ओर ब्लॉक को झारखंड सरकार ने सफलता पूर्वक ई-ऑक्शन के जरिये आवंटित कर दिया है।

मेरेलगड़ा आयरन ओर ब्लाक को गुरुवार की देर शाम तक चली बोली के बाद ओडिशा की अग्रसेन स्पंज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने 50 साल के लिए अपने नाम किया है।

काफी ऊंचे दाम पर खरीदी गई माइंस

अग्रसेन स्पंज ने इस माइंस को काफी ऊंचे दाम पर खरीदा है। खान एवं भूतत्व निदेशालय में माइंस कमीशनर जितेंद्र कुमार की देखरेख में हुए ऑक्शन में अग्रसेन स्पंज ने 200.1 फीसद प्रीमियर राशि पर बिडिंग अपने नाम की है।

बिडिंग में दो और कंपनियां शामिल थी। इनमें चाईबासा की मेमको माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड और राउरकेला की ब्लू ऐज ट्रेड वेंचर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी भी शामिल थी।

गुरुवार की सुबह आनलाइन बीडिंग 96.1 फीसद प्रीमियम राशि से शुरू हुई थी जो 200.1 पर आकर समाप्त हुई।

पैदा होंगे नौकरी के अवसर 

मेरेलगड़ा आयरन ओर माइंस की लीज अग्रसेन स्पंज के नाम पर आवंटित होने के बाद अब इसके चालू होने का इंतजार रहेगा। माइंस अगर चालू होती है तो लोगों के लिए नौकरी के अवसर पैदा होंगे।

हालांकि, इतनी बड़ी प्रीमियम राशि पर खदान को लीज पर लेने के साथ ही यह सवाल भी उठ रहे हैं कि कंपनी कैसे इसे लाभकारी बना पायेगी। वैसे, 31 मार्च 2020 को बंद खदानों में से यह पहली खदान है जो ई-नीलामी के जरिये आवंटित की गयी है।

खदान रूंगटा कंपनी के नाम पर थी आवंटित

यह खदान पूर्व में रूंगटा कंपनी के नाम पर आवंटित थी। यहां बता दें कि राज्य सरकार इससे पहले अजिताबुरू आयरन ओर ब्लॉक एवं घाटकुरी आयरन ओर ब्लॉक-1 का टेक्निकल बिडिंग करा चुकी है, मगर दोनों ही बार तकनीकी कारणों से अंतिम समय में नीलामी स्थगित करनी पड़ी थी।

अब मेरेलगड़ा माइंस की ई-नीलामी सफलतापूर्वक होने के बाद सरकार 18 अगस्त को बरायबुरु माइन्स की नीलामी की तैयारी में जुट गयी है।

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