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मानसून आते ही बढ़ जाता है जोड़ों में दर्द, तो यहां समझें इसके कारण और कैसे करें इसे कम

बरसात आते ही हमारे लाइफस्टाइल में बदलाव होने लगता है और इसकी वजह से हमारी सेहत पर भी असर होने लगता है। इस मौसम में अक्सर जोड़ों का दर्द काफी बढ़ जाता है। इसकी कई वजह हो सकती है जिसकी सही जानकारी होने पर आप इससे बचाव कर सकते हैं। जानते हैं मानसून में क्यों बढ़ जाता है joint pain और कैसे करें इससे बचाव।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 05 Sep 2024 07:35 AM (IST)
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मानसून में क्यों बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द? (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बदलता हुआ मौसम शरीर के लिए भी कई प्रकार के बदलाव लेकर आता है। आजकल मानसून के मौसम में भी शरीर कई रूप में प्रभावित होता है। कोई जल्दी बीमार पड़ जाता है, किसी को रैशेज की समस्या हो जाती है, तो किसी के जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है।

मानसून के दौरान होने वाले जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। मानसून अपने साथ तापमान में बदलाव, उमस, नमी और कई प्रकार के संक्रमण लेकर आता है। ऐसे में वातावरण में कभी भी गर्म और ठंड एकसाथ होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। तापमान में हो रहे इस बदलाव को शरीर सहज स्वीकार नहीं कर पाता है।

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क्यों होता है मॉनसून में जोड़ों का दर्द?

नमी

मानसून के दौरान हर समय वातावरण में नमी-सी बनी रहती है, जिससे जोड़ों में फ्लूइड बिल्डअप होता है और इससे सूजन आ सकती है। इससे अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति का दर्द और भी बढ़ सकता है।

तापमान में बदलाव

तेज लू और गर्मी के बाद होने वाली बारिश से अचानक तापमान में तेजी से बदलाव आता है। इससे जोड़ों में मौजूद साइनोवियल ज्वाइंट के लुब्रिकेशन में कमी आ सकती है, जिससे सख्त होने के साथ इसमें सूजन आ सकती है और दर्द की वजह बन सकती है।

बैरोमेट्रिक प्रेशर में बदलाव

उमस और नमी के दौरान वातावरण के बैरोमेट्रिक प्रेशर में बदलाव आता है। इससे जोड़ों की सेल्स में सूजन आती है और फिर ये दर्द करने लगती हैं।

शारीरिक गतिविधि में कमी

बारिश के दौरान लोग वॉक या जॉग पर नहीं निकल पाते हैं। इससे उनकी नियमित शारीरिक गतिविधि में कमी आती है। इससे मांसपेशियां कमजोर होती हैं, जोड़ों में तकलीफ और सख्ती बढ़ जाती है।

ऐसे में कैसे पाएं जोड़ों के दर्द से राहत-

  • एक्टिव रहें- अगर घर के बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो घर के अंदर स्ट्रेचिंग, वॉकिंग या जॉगिंग करें। अपने वजन को नियंत्रित रखें, क्योंकि ज्यादा वजन के कारण भी जोड़ों पर दबाव बढ़ता है और दर्द शुरू हो सकता है।
  • हाइड्रेटेड रहें- पानी पीते रहने से जोड़ों की इलास्टिसिटी बनी रहती है और ये सख्त नहीं होते हैं, जिससे इन्हें मूव करने में आसानी होती है।
  • सोडियम का सेवन कम करें- फ्लूइड रिटेंशन और सूजन को कम करने के लिए सोडियम कम मात्रा में खाएं।
  • न्यूट्रिशन युक्त आहार लें- कुछ ऐसे खास फूड्स होते हैं, जो इंफ्लेमेशन कम करते हैं जैसे फ्लैक्सीड, चिया सीड्स, ब्रोकली आदि। इनका सेवन करें और साथ ही हल्दी जोड़ों के दर्द के लिए एक बेहद गुणकारी औषधि मानी जाती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन एंटी इन्फ्लेमेटरी होता है जो सूजन, दर्द और सख्त जोड़ों से राहत दिलाता है।

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