Damoh Conversion Case: हिन्दू छात्राओं के धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया, CM बोले- मंसूबे नहीं होंगे कामयाब
दमोह जिले के गंगा-जमुना हाईस्कूल के सफल छात्र-छात्राओं के धर्मांतरण के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। वहीं अब सीएम शिवराज ने कहा कि शिक्षा के नाम पर धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। (फाइल फोटो)
भोपाल, एएनआई। दमोह जिले के गंगा-जमुना हाईस्कूल के सफल छात्र-छात्राओं के पोस्टर पर विवाद जारी है। हिंदू छात्राओं को हिजाब जैसा स्कार्फ पहने दिखाए जाने पर शुरू हुआ बवाल अब धर्मांतरण पर पहुंच गया है। वहीं, इस मुद्दे को लेकर शिवराज सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है।
सीएम शिवराज ने कहा कि राज्य में कुछ जगह पर धर्मांतरण कराए जाने के कुकर्म चल रहे हैं। लेकिन, इन्हें कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच कराई जाएगी। मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।
आरोपियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
दमोह में गंगा जमुना स्कूल तब सुर्खियों में आया जब स्कूल के कथित पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए जिसमें कथित तौर पर कुछ हिंदू लड़कियों को हिजाब पहने देखा गया था। इसके बाद दक्षिणपंथी संगठनों ने इस मुद्दे को उठाया। मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को कहा कि इन मनसूबों को पूरा नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमने पूरे राज्य में खासकर शिक्षण संस्थानों में जांच के भी निर्देश दिए हैं। वहीं, उन्होंने मदरसों का भी जिक्र करते हुए कहा कि जो भी गलत काम करते हुए पाया गया उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
'शिक्षा के नाम पर धर्मांतरण को नहीं किया जाएगा बर्दाश्त'
सीएम ने कहा कि दमोह की घटना में मेरे पास रिपोर्ट आई है जिसमें दो बेटियों ने बयान भी दिए हैं। उनको बाध्य किया गया था। हम इस मामले में FIR दर्ज कर कठोर कार्रवाई करेंगे। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के नाम पर धर्मांतरण के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी।
चौहान ने कहा कि ऐसी मंशा रखने वालों को कड़ी सजा मिलेगी। इससे पहले मंगलवार को मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आरोप लगाया कि पूरे मामले की जांच में दमोह कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध है। वहीं, कलेक्टर स्कूल निदेशक को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। कलेक्टर बार-बार बचाव में बयान दे रहे हैं।
स्कूल संचालक पर कलेक्टर को बचाने का लगा आरोप
इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुझे लगता है कि कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध है। कलेक्टर भी स्कूल संचालक को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जांच में सही तथ्य सामने आएंगे और मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री ऐसे मामलों में सक्रिय हैं और सख्त कार्रवाई करेंगे।