Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

प्रतिबंधित PFI ने चार चरणों में इस्लामिक शासन का बनाया था प्लान, ATS ने चार्जशीट में बताई पूरी योजना

मुंबई के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ 1113 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। जिसमें बताया गया कि प्रतिबंधित संगठन ने चार चरणों के जरिए 2047 के अंत तक इस्लामिक शासन स्थापित करने की योजना बना रहा था।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 09 Feb 2023 09:30 PM (IST)
Hero Image
प्रतिबंधित PFI ने चार चरणों में इस्लामिक शासन का बनाया था प्लान, ATS ने चार्जशीट में बताई पूरी योजना

मुंबई, फैजान खान। प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) 2047 के अंत तक इस्लामिक शासन स्थापित करने का नापाक मंसूबा बना रहा था। मुंबई के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने 1113 पन्नों की चार्जशीट में यह दावे किए। चार्जशीट के मुताबिक, एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन के गिरफ्तार सदस्यों से जब्त किए गोपनीय दस्तावेजों से यह जानकारी एकत्रित की। जिसमें चार चरणों में इस साजिश को अंजाम दिया जाना था।

प्रतिबंधित PFI के सदस्यों की हुई थी गिरफ्तारी

प्रतिबंधित पीएफआई के सदस्यों मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल खान, मोमिन मिस्त्री और आसिफ हुसैन खान को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में पिछले वर्ष गिरफ्तार किया गया था।

सितंबर 2022 में केंद्र ने आईएस जैसे आतंकी समूहों के साथ ''लिंक'' रखने और देश में सांप्रदायिक घृणा फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए पीएफआई और उसके कई सहयोगियों को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।

मुस्लिमों का ब्रेनवॉश कर रहा था प्रतिबंधित संगठन

दस्तावेजों से पता चला कि प्रतिबंधित संगठन अपने सदस्यों को किसी भी परस्थिति से निपटने के लिए ट्रेनिंग दे रहा था। साथ ही मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश भी कर रहा था। प्रतिबंधित पीएफआई के 5 सदस्यों के खिलाफ दायर 1113 पन्नों की चार्जशीट में प्रतिबंधित संगठन की बुकलेट के साथ पूरी योजना का जिक्र किया गया है। इस बुकलेट को कुछ महत्वपूर्ण लोगों के साथ साझा किया गया था।

दावा किया गया है कि मुस्लिम देश में दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है। इंडोनेशिया के बाद मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी भारत में रहती है, इसके बावजूद मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया गया। इस तरह का दावा करके मुस्लिमों का ब्रेनवाश करने की कोशिश की गई है।

बता दें कि प्रतिबंधित संगठन ने मुसलमानों को उकसाने का प्रयास किया है। बुकलेट में कहा गया है कि आजादी के बाद से उच्च जाति के हिंदुओं के प्रभुत्व वाली भारत सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण उपायों को अपनाया। प्रतिबंधित संगठन का मानना है कि अगर कुल मुस्लिम आबादी का 10 फीसदी भी एकजुट हो गए तो बहुसंख्यक समुदाय को घुटनों पर ला देंगे।

Indian Citizenship: 2022 में 2.25 लाख लोगों ने छोड़ी भारतीय नागरिकता, राज्यसभा में विदेश मंत्री ने दी जानकारी

प्रतिबंधित संगठन ने बनाई थी चार चरण की योजना

पहला चरण:- प्रतिबंधित संगठन खुद को उन क्षेत्रों पर स्थापित करेगा जहां पर मुसलमानों की संख्या ठीक-ठाक है। साथ ही प्रतिबंधित संगठन अपने झंडे तले मुसलमानों को एकजुट करने का प्रयास करेगा।

दूसरा चरण:- कैडरों के माध्यम से मुस्लिमों का समर्थन जुटाना, ताकत का प्रदर्शन कर विरोधियों को आतंकित करना, कैडरों को हथियारों का प्रशिक्षण लेकर हिंसा फैलाना, राष्ट्रीय ध्वज जैसी अवधारणाओं का उपयोग करना, हिंदुओं के बीच भी फूट डालने जैसी योजना बनाई थी। 

तीसरा चरण:- इस चरण में चुनाव जीतने की योजना तैयार की गई। साथ ही एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ संबंध स्थापित करने की योजना बनाई गई। बुकलेट में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) केवल उच्च जाति के हिंदुओं के कल्याण में रुचि रखने वाला संगठन है। इसी आधार पर प्रतिबंधित संगठन ने अपने कैडर को हिंदुओं के बीच विभाजन पैदा करने की योजना पर काम करने को कहा।

Parliament Budget Session: ''झूठे और मनगढ़ंत आरोपों की परवाह नहीं'', राज्यसभा में PM मोदी की विपक्ष को ललकार

चौथा चरण:- बुकलेट के मुताबिक, अन्य सभी मुस्लिम संगठनों को दरकिनार करके पूरे मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि बनना, 50 फीसदी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग का विश्वास हासिल करना, राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में आना, कार्यपालिका और न्यायपालिका के साथ-साथ पुलिस और सेना के महत्वपूर्ण पदों में कैडरों की भर्ती और इस्लामी सिद्धांतों के आधार पर एक नया संविधान घोषित करने की योजना थी।

प्रतिबंधित संगठन का मानना है कि पर्याप्त प्रशिक्षित कैडर और गोला-बारूद की मदद से मुस्लिम राष्ट्र बनाया जाएगा। जिसके लिए बाहरी ताकतों की भी मदद ली जाएगी और इस्लामी गौरव हासिल किया जाएगा।

Delhi: दिल्ली HC ने विशेष अदालतों में NIA के लंबित मामलों पर MHA से मांगा जवाब, मंजेर इमाम की याचिका पर नोटिस