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Maharashtra: शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर 10 जनवरी को आएगा फैसला, निर्णय पर टिका है शिंदे सरकार का भविष्य

Maharashtra Assembly Speaker महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर शिवसेना के 54 विधायकों की अयोग्यता पर 10 जनवरी को फैसला सुनाएंगे। इस फैसले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार का भविष्य टिका है। साथ ही संवैधानिक कारणों से भी पूरे देश की निगाहें इस फैसले पर लगी हैं। जून 2022 में शिवसेना में पड़ी बड़ी फूट के बाद से यह मामला लंबित है।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 08 Jan 2024 08:11 PM (IST)
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शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर विधानसभा अध्यक्ष 10 को सुनाएंगे फैसला (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर शिवसेना के 54 विधायकों की अयोग्यता पर 10 जनवरी को फैसला सुनाएंगे। इस फैसले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार का भविष्य टिका है। साथ ही, संवैधानिक कारणों से भी पूरे देश की निगाहें इस फैसले पर लगी हैं।

जून 2022 में शिवसेना में पड़ी बड़ी फूट के बाद से यह मामला लंबित है। तब शिवसेना नीत सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। कुछ दिन बाद ही भाजपा के सहयोग से स्वयं शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। लेकिन, उद्धव ठाकरे गुट ने शिंदे सरकार की वैधता पर सवाल उठाते हुए बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

SC ने फैसले का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल इस मामले पर फैसले का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था। विधानसभा अध्यक्ष के फैसले में विलंब होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फैसला सुनाने के लिए 10 जनवरी की अंतिम तारीख दी थी। इसी के तहत ही विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर 10 जनवरी को अपना फैसला सुनाएंगे।

विधानसभा अध्यक्ष के सामने 34 याचिकाएं दायर

इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष के सामने 34 याचिकाएं दायर की गई थीं। अध्यक्ष ने सभी याचिकाओं को छह समूहों में विभाजित कर सुनवाई की है। सूत्रों के अनुसार, सभी समूहों पर लगभग 200 पन्नों अर्थात कुल 1200 पन्नों का फैसला आने की संभावना है। शिवसेना (उद्धव गुट) शुरू से दावा करता रहा है कि यह फैसला आने पर राज्य में चल रही शिंदे सरकार गिर जाएगी। जबकि शिंदे गुट फैसले में अपनी जीत होने का दावा कर रहा है।

नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुलाकात

उद्धव ठाकरे गुट फैसले में देरी होने पर बार-बार विधानसभा अध्यक्ष को निशाने पर लेता रहा है। हाल ही में हुई नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुलाकात पर भी शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रवक्ता संजय राउत ने सवाल उठाए हैं।

अध्यक्ष को SC के दबाव में फैसला नहीं सुनाना चाहिए- आंबेडकर

शिवसेना (उद्धव गुट) से गठबंधन कर चुकी वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने सोमवार को कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को सुप्रीम कोर्ट के दबाव में इस मामले में फैसला नहीं सुनाना चाहिए।

उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष रहे सोमनाथ चटर्जी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में एक बार सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजा था। तब सोमनाथ चटर्जी ने कहा था कि मुझे नोटिस भेजने वाले को मैं स्वयं नोटिस भेजता हूं और देखता हूं कि वह कैसे लोकसभा में नहीं आता।

प्रकाश आंबेडकर के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार समान होते हैं। इसलिए, राहुल नार्वेकर के पास सोमनाथ चटर्जी बनने का अवसर है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोई निर्णय नहीं सुनाना चाहिए।

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