Mumbai-Goa Highway: गणेशोत्सव से पहले चालू हो सकता है NH-66, अब चंद घंटों में पूरा होगा मुंबई से गोवा का सफर
मुम्बई-गोवा एक्सप्रेस वे का काम अगले महीने पूरा हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुंबई-गोवा हाईवे कोंकण में 66 पर्यटन स्थलों को जोड़ता है। इससे विकास को बहुत बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब है कि इस सड़क का निर्माण कार्य साल 2011 में शुरू हो गया था। इस हाईवे के जरिए मुम्बई से गोवा का सफर तय करने के मौजूदा समय में लगभग 6 घंटे कम हो जाएंगे।
By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 13 Aug 2023 01:16 PM (IST)
मुंबई, ऑनलाइन डेस्क। मुंबई-गोवा एक्सप्रेसवे के शुरू होने का इंतजार हजारों लोगों को है, जिसका पर काम अगले महीने खत्म होने की उम्मीद है। उम्मीद है कि एनएच-66 से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय छह घंटे कम हो जाएगा। सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा कि परियोजना पर काम सितंबर में गणेशोत्सव से पहले खत्म हो जाएगा।
सीएम शिंदे ने दी जानकारी
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, "पीडब्ल्यू मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग के काम के संबंध में तत्काल कदम उठाने की कोशिश कर रहा है। मुंबई-सिंधुदुर्ग मार्ग के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का काम अपने अंतिम चरण में है। समृद्धि हाईवे से 18 घंटे का सफर घटकर 8 से 10 घंटे का रह गया है।"
उन्होंने कहा, "यह किसानों और यात्रियों के लिए उद्योग के अवसरों के विस्तार के संदर्भ में उपयोगी साबित हो रहा है। सरकार ने ऐसी विभिन्न संचार सुविधाओं के विस्तार को प्राथमिकता दी है और कोंकण में भी इसी तरह से संचार सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।"
2011 में शुरू हो गया था काम
मुंबई-गोवा राजमार्ग को चार लाइनों तक चौड़ा करने का काम एक दशक से अधिक समय से चल रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 471 किलोमीटर की परियोजना पर साल 2011 में काम शुरू हो गया था। यह एक्सप्रेसवे पनवेल से शुरू होगा और मानगांव, पेन, पोलादपुर, महाड, चिपलून, खेड़, लांजा, रत्नागिरी, संगमेश्वर, सावंतवाड़ी, कुडाल, कणकवली, राजापुर, पणजी, कैनाकोना और मडगांव से होकर गुजरेगा।
सफर से समय में छह घंटे हो जाएंगे कम
फिलहाल, मुंबई और गोवा के बीच यात्रा करने में लगभग दस घंटे का समय लगता है। ऐसे में उम्मीद है कि यह एक्सप्रेस वे शुरू होने के बाद इस सफर में छह घंटे कम हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना का उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित मार्ग प्रदान करना और पर्यटन को बढ़ावा देना है।कई जगहों पर दरारें
हालांकि, कहा जा रहा है कि कुछ जगहों पर दरारें दिख रही हैं, जिनको भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कंक्रीट से भर दिया है, लेकिन कुछ लोगों ने सुरक्षा संबंधी चिंताएं व्यक्त की हैं। एक्टिविस्ट राजीव मिश्रा ने बताया कि कंक्रीट स्लैब की परतें, बिना स्टील के, वाहनों का भार सहन करने में असमर्थ होंगी।
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