पटोले के सिर फूटने लगा महाविकास आघाड़ी सरकार गिरने का ठीकरा, जल्दबाजी में विधानसभा अध्यक्ष पद छोड़ने का आरोप
पटोले पर यह आरोप कांग्रेस के ही एक नेता एवं पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार के साथ ही शिवसेना के मुखपत्र सामना ने भी लगाया है। नासिक विधान परिषद चुनाव में महाविकास आघाड़ी को मिली करारी हार के बाद से कांग्रेस में कलह मची हुई है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई: शिवसेना में हुई बड़ी बगावत के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार के गिरने का ठीकरा अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के सिर फूटने लगा है। कांग्रेस और शिवसेना दोनों की तरफ से कहा जा रहा है कि नाना पटोले ने जल्दबाजी में विधानसभा अध्यक्ष पद न छोड़ा होता तो विपक्ष को सरकार गिराने का मौका न मिलता।
पटोले पर यह आरोप कांग्रेस के ही एक नेता एवं पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार के साथ ही शिवसेना के मुखपत्र सामना ने भी लगाया है। नासिक विधान परिषद चुनाव में महाविकास आघाड़ी को मिली करारी हार के बाद से कांग्रेस में कलह मची हुई है। दो दिन पहले ही कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहब थोरात इस पद से अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज चुके हैं।
गुरुवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने दिल्ली में खरगे से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब नाना पटोले महाविकास आघाड़ी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे तो पूरा नियंत्रण उनके हाथ में था। लेकिन, उन्होंने महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए जल्दबाजी में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। यदि उन्होंने त्यागपत्र नहीं दिया होता, तो सरकार न गिरती।विजय वडेट्टीवार ने शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना नेता एवं सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत के लिखे संपादकीय पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। राउत ने लिखा है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद महत्त्वपूर्ण होता है। जिस तरह नाना पटोले ने उस पद से त्यागपत्र दिया, उससे विपक्ष को सरकार गिराने का मौका मिल गया।