Adani के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट की होगी जांच! सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को करेगा सुनवाई, साजिश का लगा आरोप
Supreme Court Hearing on Hindenburg हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करने को राजी हो गया है। याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक साजिश के तहत बनाई गई है जिससे अदाणी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग हो।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Thu, 09 Feb 2023 12:07 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। Supreme Court Hearing on Hindenburg अदाणी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के खिलाफ दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत में डाली गई जनहित याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक साजिश के तहत बनाई गई रिपोर्ट है जिससे कि अदाणी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग हो। याचिका में कहा गया है कि इस साजिश के चलते निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है।
भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश
अधिवक्ता एमएल शर्मा और विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिकाओं पर SC ने सुनवाई पर सहमति जताई है। याचिका में कहा गया है कि अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने साजिश के तहत भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। अधिवक्ता ने कहा कि इस रिपोर्ट ने शेयर बाजार पर गलत असर डाला है, जिससे लोगों को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
समिति गठित कर जांच की मांग
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त शीर्ष अदालत के न्यायाधीश की निगरानी में एक समिति गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया।
रिपोर्ट से अदाणी ग्रुप और बाजार को हुआ नुकसान
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी लेनदेन और शेयर-कीमत में हेरफेर सहित कई आरोपों लगाने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। शेयर बाजार में इसका बड़ा असर देखने को मिला है। रिपोर्ट के बाद कई दिनों तक बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। हालांकि, अदाणी समूह ने आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज किया है और कहा कि कंपनी हमेशा से कानूनों का अनुपालन करती रही है।बता दें कि उद्योगपति गौतम अदाणी को इस रिपोर्ट से काफी नुकसान झेलना पड़ा है। वे दुनिया के अमीरों की सूची में भी टॉप 20 से भी नीचे आ गए हैं। वहीं, देश की विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।