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Bengal Ration Scam: मंत्री ने मिल मालिकों से कमीशन के बदले दान में ली जमीन! 18 करोड़ से अधिक नकदी भी बरामद

ईडी के अधिकारियों का मानना है कि घोटाला जितना दिख रहा है उससे कई गुना बड़ा है और भी बेहिसाब नकदी सामने आने वाली है। राशन वितरण मामले में किए गए भुगतान के विवरण वाली कुछ महत्वपूर्ण डायरियां और नोटबुक पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास पहुंच चुकी हैं। सूत्रों ने कहा कि भविष्य की वसूली इन डायरियों में लिखी गई जानकारी के आधार पर की जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Wed, 08 Nov 2023 07:10 AM (IST)
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ईडी का मानना है कि यह घोटाला कई गुना बड़ा।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। ईडी ने दावा किया है कि बंगाल के राशन घोटाले में गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने चावल मिल मालिकों से कमीशन के बदले उनकी जमीन अपने परिचारकों के नाम पर दान में ली थी। सूत्रों के मुताबिक चावल मिल मालिकों ने इस संबंध में अपना बयान दर्ज किया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

18.20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद

जमीन अधिग्रहण के दस्तावेज भी ईडी के हाथ लग गए हैं। ज्योतिप्रिय मल्लिक ने चावल मिल मालिकों से इस तरह की कितनी जमीन अपने परिचारकों के नाम पर दान में ली थी, ईडी अब इसकी विस्तृत जांच कर रही है। वहीं दूसरी ओर ईडी ने राशन घोटाले में अब तक 18.20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है। सबसे अधिक बरामदगी बांकुड़ा स्थित दो कार्पोरेट ईकाइयों से हुई है।

एजे एग्रोटेक और एजे रायल से कुल जब्त राशि 16.80 करोड़ रुपये है। सूत्रों ने बताया कि यह बरामदगी इस महीने की शुरुआत में की गई व्यापक छापेमारी और तलाशी अभियान के जरिए की गई। वहीं, ईडी के अधिकारियों ने पैकेज्ड आटा उत्पादन और विपणन इकाई अंकित इंडिया लिमिटेड के कार्यालय से 1.40 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है।

राशन घोटाला अनुमान से कई गुना बड़ा

ईडी के अधिकारियों का मानना है कि यह घोटाला जितना दिख रहा है उससे कई गुना बड़ा है और भी बेहिसाब नकदी सामने आने वाली है। राशन वितरण मामले में किए गए भुगतान के विवरण वाली कुछ महत्वपूर्ण डायरियां और नोटबुक पहले ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के पास पहुंच चुकी हैं। सूत्रों ने कहा कि भविष्य की वसूली इन डायरियों और नोटबुक में लिखी गई जानकारी के आधार पर की जाएगी।

धन के स्रोत पता लगाने की कोशिश 

सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारियों को सुराग मिले हैं कि राशन वितरण मामले में नकद में किए गए फंड डायवर्जन शेल कंपनियों के माध्यम से समान डायवर्जन की तुलना में अधिक मात्रा में हैं। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने कुछ व्यवसायों में निवेश के साथ-साथ कुछ बैंकों में कुछ जमाओं के रूप में कई भुगतानों को ट्रैक किया है, जिनमें से अधिकांश नकद में किए गए थे। अधिकारी कुछ व्यवसायों में नकद भुगतान के मामले में धन के स्रोत का पता लगाने की भी कोशिश कर रहे हैं।

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