Karnataka: कन्नड़ में साइनबोर्ड न होने पर बवाल, दुकानों और कंपनियों को बनाया निशाना; शहरों में निकाली रैलियां
कर्नाटक (pro Kannada protest) में भाषा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अंग्रेजी में लिखे साइनबोर्ड क्षतिग्रस्त कर दिए गए। उन्होंने कई शहरों में रैलियां निकाली। इससे चक्का जाम की स्थिति हो गई। ये रैलियां खासकर व्यावसायिक केंद्रों में निकाली गईं। इनमें एमजी रोड ब्रिगेड रोड लावेल रोड यूबी सिटी चिकपेट कैंपे गौड़ा रोड आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। इस दौरान लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में भाषा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक रक्षणा वेदिके (नारायण गौड़ा गुट) ने बेंगलुरु में बुधवार को उन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया, जिनके साइनबोर्ड और नेमप्लेट कन्नड़ में नहीं थे। अंग्रेजी में लिखे साइनबोर्ड क्षतिग्रस्त कर दिए गए। उन्होंने कई शहरों में रैलियां निकाली। इससे चक्का जाम की स्थिति हो गई। ये रैलियां खासकर व्यावसायिक केंद्रों में निकाली गईं।
इनमें एमजी रोड, ब्रिगेड रोड, लावेल रोड, यूबी सिटी, चिकपेट, कैंपे गौड़ा रोड आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। इस दौरान लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वाहन रेंगते नजर आए। पुलिस भी विवश नजर आ रही थी।कार्यकर्ताओं का कहना था कि व्यावसायिक प्रतिष्ठान कन्नड़ को कमजोर करने का कार्य कर रहे हैं।
केआरवी कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा
केआरवी कार्यकर्ताओं का गुस्सा माल, दुकानें, वाणिज्यिक भवन, कंपनियों और कारखानों पर टूट पड़ा। उन्होंने उन साइनबोर्डों और नेम प्लेटों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जो अंग्रेजी में थे। ये विशेष रूप से बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जुड़े थे। बाद में केआरवी संयोजक टी ए नारायण गौड़ा सहित आंदोलनकारी सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।गौड़ा ने बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि साइनबोर्ड और नेमप्लेट में 60 फीसदी कन्नड़ भाषा का प्रयोग होना चाहिए। हम आपके कारोबार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर आप कर्नाटक में कारोबार कर रहे हैं, तो आपको हमारी भाषा का सम्मान करना होगा। अगर आप कन्नड़ को नजरअंदाज करते हैं, तो हम यहां काम नहीं करने देंगे।