धोखाधड़ी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की कार्रवाई, 6600 करोड़ रुपये के बिटकाइन पोंजी मामले में महिला गिरफ्तार
ईडी ने बिटकाइन पोंजी स्कीम मामले की जांच के सिलसिले में छापेमारी के बाद एक महिला आरोपित को गिरफ्तार किया है। ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकने के लिए बने कानून पीएमएलए के तहत बिटकाइन पोंजी स्कीम के प्रमोटरों के खिलाफ हाल ही में की गई छापेमारी में एक मर्सिडीज एक ऑडी सहित तीन लक्जरी कार दस्तावेज और 18.91 लाख रुपये के आभूषण जब्त किए।
पीटीआई, नई दिल्ली। ईडी ने 'बिटकाइन पोंजी स्कीम' मामले की जांच के सिलसिले में छापेमारी के बाद एक महिला आरोपित को गिरफ्तार किया है। ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकने के लिए बने कानून पीएमएलए के तहत 'बिटकाइन पोंजी स्कीम' के प्रमोटरों के खिलाफ हाल ही में की गई छापेमारी में एक मर्सिडीज, एक ऑडी सहित तीन लक्जरी कार, दस्तावेज और 18.91 लाख रुपये के आभूषण जब्त किए।
69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
मामले में अब तक 69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। आरोप है कि निवेश के नाम पर 'गेन बिटकाइन पोंजी स्कीम' के तहत जनता से बिटकाइन के रूप में 6600 करोड़ रुपये एकत्र किए गए। ईडी ने मंगलवार को बताया कि महिला सिम्पी भारद्वाज उर्फ सिम्पी गौड़ को छापेमारी के बाद 17 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया।
अगले दिन उसे मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 26 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। मुख्य आरोपित अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज फरार हैं।
महाराष्ट्र और दिल्ली में कई मामले दर्ज
वेरिएबल पीटीई लिमिटेड कंपनी और कंपनी के प्रमोटरों अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, सिम्पी, महेंद्र भारद्वाज और कई एमएलएम (मल्टी-लेवल मार्केटिंग) एजेंटों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने निवेश के नाम पर 'गेन बिटकाइन पोंजी स्कीम' के तहत जनता से बिटकाइन के रूप में 6600 करोड़ रुपये एकत्र किए।
इस संबंध में महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई प्राथमिकियों के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था और जांच कर रही है। जांच में पाया गया कि सिम्पी भारद्वाज ने अपने पति अजय भारद्वाज और एमएलएम एजेंट के साथ मिलकर 'निवेश पर भारी रिटर्न का वादा करके निवेशकों को लुभाने में भूमिका निभाई और फर्जीवाड़ा करके जनता को धोखा दिया।
ईडी ने आरोप लगाया कि इस घोटाले से अर्जित आय को विभिन्न विदेशी कंपनियों में डायवर्ट किया गया। इसका इस्तेमाल विदेश में संपत्ति खरीदने के लिए भी किया गया।