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'जब से कृषि मंत्री बना हूं, दिन रात यही सोच रहा हूं क्या करूं?', किसानों की समस्याओं पर शिवराज सिंह चौहान ने कही ये बात

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा वर्तमान में हमारा देश तेजी से प्रगति कर रहा है... भारत एक बहुत प्राचीन और महान राष्ट्र है। यह हम सभी जानते हैं। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता का सूर्य उदय नहीं हुआ था तब यहां वेदों की ऋचाओं की रचना हुई थी। यह वास्तव में एक अद्भुत देश है और मुझे भारतीय होने पर गर्व है...

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 22 Jun 2024 02:28 PM (IST)
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शिवराज सिंह ने कहा कि हम मिलकर कोई ऐसा रोड मैप बना लें, जिसपर चलकर किसान का कल्याण हो सके।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "वर्तमान में हमारा देश तेजी से प्रगति कर रहा है... भारत एक बहुत प्राचीन और महान राष्ट्र है। यह हम सभी जानते हैं। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता का सूर्य उदय नहीं हुआ था, तब यहां वेदों की ऋचाओं की रचना हुई थी। यह वास्तव में एक अद्भुत देश है और मुझे भारतीय होने पर गर्व है..."

'पीएम मोदी का विजन कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाना है'

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि वर्तमान में हमारा देश तेजी से प्रगति कर रहा है, भारत एक बहुत प्राचीन और महान राष्ट्र है। यह वास्तव में एक अद्भुत देश है और मुझे भारतीय होने पर गर्व है। चौहान आईसीएआर, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी और पूर्व छात्रों के मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

कृषि मंत्री ने आईसीएआर में कहा, " प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन और मिशन कृषि के क्षेत्र को आगे बढ़ाना और किसान का कल्याण करना है। मैं जिस दिन से कृषि मंत्री बना हूं, तभी से दिन-रात यही सोच रहा हूं कि किसानों के जीवन को कैसे और बेहतर बनाएं।"

— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) June 22, 2024

'भारत को दुनिया का फूड बास्केट बनाना है'

उन्होंने कहा, "हम मिलकर कोई ऐसा रोड मैप बना लें, जिसपर चलकर न केवल भारतीय कृषि और किसान का कल्याण हो सके बल्कि हम भारत को दुनिया का फूड बास्केट बना दें, दुनिया को अन्न खिलाएं, एक्सपोर्ट करें। किसान को हमें विज्ञान से जोड़ना है और इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र बहुत उपयोगी है।" केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमारे यहां 86 फीसदी किसान स्मॉल मार्जिनल फार्मर हैं। हमको खेती का मॉडल ऐसा बनाना पड़ेगा कि किसान एक हेक्टेयर तक की खेती में अपनी आजीविका ठीक से चला सकें।"

लाखों किसानों को होगा सीधा फायदा

इससे पहले, कृषि मंत्री ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक में देश में दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सामूहिक प्रयासों एवं आगामी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर और मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन शुरू हो चुका है, ऐसे में राज्यों के साथ चर्चा करके प्लानिंग करने का यह उपयुक्त समय है। भारत सबसे बड़ा दलहन उत्पादक, उपभोक्ता और आयात में अग्रणी देश है। 2023-24 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, देश में दलहन 270.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती हैं, जिसमें 907 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादकता पर 244.93 लाख टन उत्पादन होता है। यह 2015-16 की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा है, मैं इस उपलब्धि को हासिल करने में मदद करने के लिए राज्यों के सामूहिक प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं, लेकिन हम और बहुत कुछ कर सकते हैं।