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Farmers Protest: अब बनेगी सरकार और किसानों के बीच बात? नए प्रस्ताव से रूका 'दिल्ली चलो मार्च'; क्या होगा आंदोलन का अगला कदम

Farmers Protest Update सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि अब तक किसी भी दौर की वार्ता में कोई सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच सरकार की ओर से किसानों को एक प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव पर अगले दो दिनों में किसानों द्वारा फैसला लिया जा सकता है।

By Jagran News Edited By: Mohd Faisal Updated: Mon, 19 Feb 2024 10:01 AM (IST)
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किसान आंदोलन का आज सातवां दिन। (फोटो एएफपी)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Farmers Protest: किसान आंदोलन का आज सातवां दिन है। विभिन्न मांगों को लेकर किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता भी विफल रही। चंडीगढ़ में रविवार रात किसान नेताओं और केंद्र के बीच शुरू हुई चौथे दौर की वार्ता एमएसपी व कर्जमाफी की बात पर फंस गई। चौथे दौर की वार्ता में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल व नित्यानंद राय ने कमेटी बनाने की बात कही, लेकिन किसान संगठन कमेटी बनाने के पक्ष में नहीं दिखे।

हालांकि, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ हुई इस बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि किसान नेता जल्द ही सरकार के प्रस्तावों पर अपने फैसले की घोषणा करेंगे।

क्या होगा किसानों का अगला कदम?

सरकार के साथ चार दौर की वार्ता के बाद किसान अब भी दिल्ली से सटे दूसरे राज्यों की सीमाओं पर डटे हैं। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर के मुताबिक, किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि हम अगले दो दिनों में सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। सरकार अन्य मांगों पर भी विचार करेगी। अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो हम 21 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार और किसान संगठन मुद्दों का समाधान खोजने की कोशिश करेंगे।

मांगें पूरी नहीं होने तक डटे रहेंगे किसान

किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है, जिसकी निगरानी और प्रबंधन दो सरकारी एजेंसियां करेंगी। हम अपने मंचों और विशेषज्ञों के साथ सरकार के एमएसपी पर दिए प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और फिर बाद में ही कुछ इस पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा 'दिल्ली चलो मार्च' मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।

सरकार ने क्या दिया प्रस्ताव?

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक सकारात्मक रही। जल्द ही किसान सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर अपना निर्णय लेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा समर्थित सहकारी समितियां जैसे नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया अगले 5 वर्षों के के लिए किसानों के साथ समझौता करेंगी। किसानों से एमएसपी पर उत्पाद खरीदेंगी। उन्होंने कहा कि मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी।

कब-कब बेनतीजा रही बैठक

बता दें कि सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है। पहली बैठक 8, दूसरी बैठक 12 और तीसरी बैठक 15 फरवरी को हुई थी, लेकिन इसमें कोई सहमति नहीं बन पाई।

ये हैं किसानों की मांगें

  • सभी 23 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी।
  • सभी फसलों का भाव स्वामीनाथन आयोग के अनुसार लागत से 50 प्रतिशत अधिक दिया जाए।
  • किसानों पर चढ़े कर्ज को माफ किया जाए।
  • किसानों के लिए 10 हजार रुपये प्रति महीने पेंशन देने की व्यवस्था लागू की जाए।
  • बिजली संशोधन बिल-2022 को रद किया जाए।

  • लखीमपुर खीरी में घायल हुए किसानों को उचित मुआवजा मिले।
  • परिवार में किसी एक को नौकरी दी जाए।
  • लखीमपुर खीरी कांड के आरोपितों को सजा मिले।
  • कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन में जिन किसानों पर केस दर्ज हुए हैं, उन्हें रद किया जाए।
  • प्रदर्शन में मृत किसानों के स्वजन को उचित मुआवजा मिले।

इन पर फंसा है पेंच

सभी 23 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी और किसानों की कर्जमाफी।

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