खास बातचीतः फियो डीजी अजय सहाय के अनुसार भारत अपनी शिपिंग लाइन खड़ी करे तो हर साल 25 अरब डॉलर रेमिटेंस बचेगा
फियो महानिदेशक के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते से जेम्स एंड ज्वैलरी अपैरल फार्मा इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में वहां मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिलेगी। विभिन्न देशों से कम समय में ट्रेड एग्रीमेंट होना बताता है कि भारत की लीडरशिप को दुनिया स्वीकार कर रही है
नई दिल्ली। दुनिया के बड़े देशों में इकोनॉमी की रफ्तार घटने से भारत का निर्यात तो प्रभावित होगा, लेकिन स्थिति उतनी खराब नहीं होगी, जितनी पहले आशंका जताई जा रही थी। निर्यात में वृद्धि पिछले साल (45%) जैसी भले न हो, लेकिन हम 8-10% ग्रोथ जरूर हासिल करेंगे। यह कहना है निर्यातकों की शीर्ष संस्था फियो के डायरेक्टर जनरल और सीईओ डॉ. अजय सहाय का। ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते पर उन्होंने कहा कि इससे जेम्स एंड ज्वैलरी, अपैरल, फार्मा, लेदर, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में भारत को ऑस्ट्रेलिया में मार्केट शेयर बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कम समय में ट्रेड एग्रीमेंट होना बताता है कि भारत की लीडरशिप दुनियाभर में उभर रही है। जागरण प्राइम के एस.के. सिंह के साथ बातचीत में डॉ. सहाय ने एक विश्वस्तरीय भारतीय शिपिंग लाइन की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने करीब 84 अरब डॉलर का फ्रेट रेमिटेंस दूसरे देशों को दिया। निर्यात बढ़ने पर फ्रेट रेमिटेंस भी बढ़ेगा। अपनी शिपिंग लाइन होने पर हम हर साल 25 से 30 अरब डॉलर की रेमिटेंस बचा सकते हैं। निर्यात से जुड़े तमाम मुद्दों पर पढ़िए उनकी रायः-