अर्थव्यवस्थाः दुनिया का ‘ब्राइट स्पॉट’ बना रहेगा भारत, लेकिन चीन के कारण अनिश्चितता बढ़ी, मंदी का डर भी बरकरार
सरकार का टैक्स कलेक्शन तो अच्छा है ही बैंकों का एनपीए कम होने के कारण निवेश की गुंजाइश है। भारत को एफटीए और पीएलआई का भी फायदा मिलने लगा है। लेकिन चीन में फैलते कोरोनावायरस के कारण विश्व स्तर पर अनिश्चितता बढ़ गई है
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। वर्ष 2023 भारत की इकोनॉमी के लिए कई अच्छे संकेत लेकर आ रहा है। यहां कंपनियों के पास पैसा है और कर्ज ज्यादा नहीं, इसलिए वे नया निवेश करने में सक्षम हैं। बैंकों का एनपीए हाल के वर्षों में सबसे कम है और उनके पास पर्याप्त पूंजी भी है, यानी वे नया कर्ज देने की स्थिति में हैं। सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल से 26% ज्यादा है और जीएसटी (GST) कलेक्शन भी लगातार आठ महीने से 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक बना हुआ है। इसलिए सरकार सब्सिडी और निवेश, दोनों में सक्षम है।
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