Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

दूसरी बार अयोग्य घोषित हुए पूर्व NCP सांसद मोहम्मद फैजल, सुप्रीम कोर्ट में फैसले को देंगे चुनौती

राकांपा के लक्षद्वीप से पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल (Mohammad Faizal) ने केरल हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें हत्या के प्रयास मामले में हाई कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद फैजल ने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 05 Oct 2023 08:54 PM (IST)
Hero Image
दूसरी बार अयोग्य हुए पूर्व राकांपा सांसद फैजल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा की सदस्यता के लिए दूसरी बार अयोग्य ठहराए गए राकांपा के लक्षद्वीप से पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल ने केरल हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हत्या के प्रयास मामले में हाई कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के तीन अक्टूबर के आदेश के बाद फैजल को बुधवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था।

फैजल को सुनाई गई थी 10 वर्ष की सजा

हाई कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए फैजल और तीन अन्य को सुनाई गई 10 वर्ष की सजा स्थगित कर दी थी। 2009 के लोकसभा चुनावों के दौरान दिवंगत केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद मोहम्मद सलीह की हत्या करने के प्रयास के लिए लक्षद्वीप की सत्र अदालत ने 11 जनवरी को फैजल व तीन अन्य को सजा सुनाई थी।

ये भी पढ़ें: मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत पांच राज्यों में कभी भी हो सकता है चुनावी तारीखों का एलान, चुनाव आयोग की कल अहम बैठक

पहले भी ठहराया गया है अयोग्य

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में फैजल ने दावा किया है कि हाई कोर्ट इस बात पर गौर करने में विफल रहा कि आइपीसी की धारा-307 के तहत हत्या के प्रयास के अपराध में उनकी दोषसिद्धि और सजा से उनका पूरा करियर खराब हो सकता है। उनकी याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-8(3) में अयोग्यता की व्यापक और कठोर अवधि का प्रविधान है जो दोषसिद्धि की तिथि से रिहा होने के बाद छह वर्षों तक प्रभावी रहती है।

यही नहीं, याचिकाकर्ता अपील लंबित रहने के दौरान भी अयोग्य बना रहेगा। याचिकाकर्ता पर इसके परिणाम अपरिवर्तनीय और कठोर हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले फैजल को 25 जनवरी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराया गया था जब लक्षद्वीप की सत्र अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था और 10 वर्ष की सजा सुनाई थी।

ये भी पढ़ें: BJP ने राहुल गांधी को बताया नए जमाने का 'रावण', जॉर्ज सोरेस को लेकर लिखी यह बात