G20 Summit 2023: भारत का जयघोष, जी-20 नेताओं ने भारत की अध्यक्षता और पीएम मोदी की खुलकर की तारीफ
सम्मेलन में शामिल वैश्विक नेताओं ने एक स्वर में माना कि भारत ने जिस तरह की नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है वह अद्भुत है। जी-20 की अगली अध्यक्षता संभालने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा तो मानते हैं कि भारतीय नेतृत्व ने जो लकीर खींच दी है उस तक पहुंचना बहुत बड़ी चुनौती होगी। भारत के विरुद्ध बोलने वाले तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन अचंभित हैं।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली: दिसंबर, 2022 में इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि बतौर अध्यक्ष भारत इस समूह का अपने तरीके से नेतृत्व करेगा, इसमें सभी देशों की बात सुनी जाएगी, विकासशील देशों की बात ज्यादा प्रमुखता से रखी जाएगी और ज्वलंत वैश्विक मुद्दों का न्यायसंगत निर्णय करने की कोशिश की जाएगी।
भारत का नेतृत्व अद्भुत
रविवार को दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन के बाद कहा जा सकता है कि इन तीनों मुद्दों पर भारतीय प्रधानमंत्री ने जो कहा, वह कर दिखाया। सम्मेलन में शामिल वैश्विक नेताओं ने एक स्वर में माना कि भारत ने जिस तरह की नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है वह अद्भुत है। जी-20 की अगली अध्यक्षता संभालने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा तो मानते हैं कि भारतीय नेतृत्व ने जो लकीर खींच दी है, उस तक पहुंचना बहुत बड़ी चुनौती होगी।
हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के विरुद्ध बोलने वाले तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन अचंभित हैं और उनके स्वर भी बदले हुए हैं। वह कहते हैं कि भारत ने बेहद सफलतापूर्वक अध्यक्ष की भूमिका निभाई है। अगर भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनता है तो यह उनके लिए गर्व की बात होगी।
पूरी दुनिया को अमन का संदेश
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा, 'मैं खास तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को भारत की अध्यक्षता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मौजूदा वैश्विक हालात में शांति और अमन के लिए जो अधिकतम किया जाना चाहिए, वह भारत ने बतौर अध्यक्ष किया है। भारत ने अमन का संदेश पूरी दुनिया को दिया है।' उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र रूस की कूटनीतिक जीत नहीं है।
यूक्रेन को हर तरह से समर्थन देने वाले यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जब जी-20 के अध्यक्ष के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे थे, तब भारत ने बहुत मजबूती से अपनी भूमिका निभाई। जो देश अब भविष्य में अध्यक्ष बनेंगे उनके लिए काम कैसे किया जाए, इसका एक रोडमैप दे दिया है। सिर्फ कूटनीतिक मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि जो मुद्दे विश्व के लिए बड़ी चुनौती बनने की क्षमता रखते हैं जैसे पर्यावरण सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा आदि, उनका संभावित समाधान देने की पहली बार कोशिश जी-20 अध्यक्ष के तौर पर हुई है।' जी-20 के विकासशील देश भी खुलकर भारत के साथ हैं।
विकासशील देशों की श्रेणी में ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अलबर्टों फर्नांडीस ने कहा, 'विकासशील देशों के मुद्दे को अभी तक विश्व मंच पर नहीं लाया गया था। भारत ने दिखाया कि इस बारे में अब खुलकर बात होनी चाहिए। इसका असर भावी बैठकों में दिखेगा।' दरअसल, भारत के बाद ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी विकासशील देशों की श्रेणी में हैं और भारत ने जो मुद्दे तय किए हैं, वे उन पर अमल कर सकते हैं। बताते चलें कि अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल करने की बात काफी लंबे समय से चल रही थी, लेकिन विकसित देश इसको लेकर गंभीर नहीं थे। भारत ने कुछ महीनों में ही इसे संभव कर दिखाया। कहा जा रहा है कि जो काम चीन अफ्रीका में अरबों डालर निवेश करके नहीं कर सका, उसे भारत ने अफ्रीकी यूनियन को जी-20 का सदस्य बनाकर कर दिखाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, 'अफ्रीकी यूनियन अहम साझीदार है। आप (मोदी) हमें साथ ला रहे हैं, हमें साथ रख रहे हैं, हमें याद दिला रहे हैं कि हममें साथ मिलकर चुनौतियों से निपटने की क्षमता है।' वियतनाम रवाना होने के बाद एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा कि नई दिल्ली सम्मेलन ने यह साबित किया है कि यह ग्रुप अभी भी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकाल सकता है।
कई मायनों में सफल रहा सम्मेलन
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में एक सफल सम्मेलन रहा क्योंकि इसके नतीजों ने दुनिया को कई चुनौतियों पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है और ग्लोबल साउथ की ताकत एवं महत्व को प्रदर्शित किया है। उन्होंने भारत की अध्यक्षता में तैयार किए गए आधार पर जी-20 में सहयोग को मजबूत करने का आह्वान भी किया। लावरोव ने कहा कि भारत ने पश्चिम को यूक्रेन समेत कई मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण आगे बढ़ाने से रोकने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, 'जी-20 का राजनीतिकरण करने के प्रयासों को रोकने के लिए मैं भारत का आभार व्यक्त करना चाहता हूं।' रूस के एक राजनयिक लुकाश ने कहा कि यह जी-20 के सबसे मुश्किल सम्मेलनों में से एक था।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, 'भारत के नेतृत्व में हमने दिखाया कि ऐसे समय हम साथ आ सकते हैं जब यह वास्तव में मायने रखता है।' उन्होंने कहा कि जब आप 'भारत मंडपम' में घूमते हैं, तो देख सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी देश के दूरदराज के लोगों को क्या सेवाएं पहुंचा रहे हैं और डिजिटल इनीशिएटिव व प्रौद्योगिकी क्या कर सकते हैं।
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने जी-20 का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की और नई दिल्ली घोषणा पत्र पर सहमति को सार्थक उपलब्धि करार दिया। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में नेताओं ने उत्तर और दक्षिण के बीच नई बातचीत की। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें 'एक भविष्य' पर चर्चा करने के लिए यहां इकट्ठा किया, यह बहुत महत्वपूर्ण है। मारीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने बहुत सफल परिणाम के लिए भारत के नेतृत्व की सराहना की और इस ''असाधारण अवसर'' के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।