G20 Summit 2023: भारत का जयघोष, जी-20 नेताओं ने भारत की अध्यक्षता और पीएम मोदी की खुलकर की तारीफ
सम्मेलन में शामिल वैश्विक नेताओं ने एक स्वर में माना कि भारत ने जिस तरह की नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है वह अद्भुत है। जी-20 की अगली अध्यक्षता संभालने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा तो मानते हैं कि भारतीय नेतृत्व ने जो लकीर खींच दी है उस तक पहुंचना बहुत बड़ी चुनौती होगी। भारत के विरुद्ध बोलने वाले तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन अचंभित हैं।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Mon, 11 Sep 2023 12:10 AM (IST)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली: दिसंबर, 2022 में इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि बतौर अध्यक्ष भारत इस समूह का अपने तरीके से नेतृत्व करेगा, इसमें सभी देशों की बात सुनी जाएगी, विकासशील देशों की बात ज्यादा प्रमुखता से रखी जाएगी और ज्वलंत वैश्विक मुद्दों का न्यायसंगत निर्णय करने की कोशिश की जाएगी।
भारत का नेतृत्व अद्भुत
रविवार को दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन के बाद कहा जा सकता है कि इन तीनों मुद्दों पर भारतीय प्रधानमंत्री ने जो कहा, वह कर दिखाया। सम्मेलन में शामिल वैश्विक नेताओं ने एक स्वर में माना कि भारत ने जिस तरह की नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है वह अद्भुत है। जी-20 की अगली अध्यक्षता संभालने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा तो मानते हैं कि भारतीय नेतृत्व ने जो लकीर खींच दी है, उस तक पहुंचना बहुत बड़ी चुनौती होगी।
हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के विरुद्ध बोलने वाले तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन अचंभित हैं और उनके स्वर भी बदले हुए हैं। वह कहते हैं कि भारत ने बेहद सफलतापूर्वक अध्यक्ष की भूमिका निभाई है। अगर भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनता है तो यह उनके लिए गर्व की बात होगी।
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पूरी दुनिया को अमन का संदेश
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा, 'मैं खास तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को भारत की अध्यक्षता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मौजूदा वैश्विक हालात में शांति और अमन के लिए जो अधिकतम किया जाना चाहिए, वह भारत ने बतौर अध्यक्ष किया है। भारत ने अमन का संदेश पूरी दुनिया को दिया है।' उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र रूस की कूटनीतिक जीत नहीं है।यूक्रेन को हर तरह से समर्थन देने वाले यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जब जी-20 के अध्यक्ष के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे थे, तब भारत ने बहुत मजबूती से अपनी भूमिका निभाई। जो देश अब भविष्य में अध्यक्ष बनेंगे उनके लिए काम कैसे किया जाए, इसका एक रोडमैप दे दिया है। सिर्फ कूटनीतिक मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि जो मुद्दे विश्व के लिए बड़ी चुनौती बनने की क्षमता रखते हैं जैसे पर्यावरण सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा आदि, उनका संभावित समाधान देने की पहली बार कोशिश जी-20 अध्यक्ष के तौर पर हुई है।' जी-20 के विकासशील देश भी खुलकर भारत के साथ हैं।