G-20 Summit: विरासत में मिली राजनीति, पिता के नक्शेकदम पर चल बने कनाडा के दूसरे सबसे युवा पीएम; ऐसा रहा सफर
G-20 Summit अमेरिका से लेकर जापान और ऑस्ट्रेलिया से लेकर कनाडा तक के राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन का गवाह बनेंगे। ऐसे में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भी इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत दौरे पर आएंगे। हालांकि जस्टिन ट्रूडो इससे पहले भी भारत दौरे पर आए हैं लेकिन ऐसा पहली बार है कि जब वो किसी समिट में शामिल होने के लिए भारत आएंगे।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। G-20 Summit: देश की राजधानी नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी-20 सम्मेलन (G-20 Summit) का आयोजन होने जा रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए मोदी सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इसकी एक बड़ी वजह है कि पहली बार जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। कई देशों के नेता पहली बार इस सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए भारत आएंगे।
अमेरिका से लेकर जापान और ऑस्ट्रेलिया से लेकर कनाडा तक के राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन का गवाह बनेंगे। ऐसे में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (PM Justin Trudeau) भी इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत दौरे पर आएंगे। हालांकि, जस्टिन ट्रूडो इससे पहले भी भारत दौरे पर आए हैं, लेकिन ऐसा पहली बार है कि जब वो किसी समिट में शामिल होने के लिए भारत आएंगे। आइये नजर डालते हैं जस्टिन ट्रूडो से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में।
कौन हैं जस्टिन पियरे जेम्स ट्रूडो?
- दरअसल, जस्टिन ट्रूडो का पूरा नाम जस्टिन पियरे जेम्स ट्रूडो है।
- ट्रूडो का जन्म क्रिसमस के दिन 25 दिसंबर, 1971 को ओटावा में हुआ था।
- ट्रूडो के पिता पियरे कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री के पद पर रहे थे।
- जस्टिन ट्रूडो ओटावा में पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।
- साथ ही वे कनाडा के दूसरे पीएम हैं, जिनका जन्म किसी प्रधानमंत्री के घर में हुआ।
- ट्रूडो ने पीएम पद संभालने से पहले मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली।
- साल 2015 में जस्टिन ट्रूडो को पीएम पद के लिए चुना गया।
- उनका नाम कनाडा की राजनीति के इतिहास में दर्ज हो गया। वह दूसरे सबसे युवा प्रधानमंत्री बन गए।
- इससे पहले जो क्लार्क देश के पहले युवा प्रधानमंत्री बने थे।
ऐसा रहा ट्रूडो का सफर
दरअसल, 1971 को पूर्व पीएम पियरे के घर में जन्में ट्रूडो का बचपन ज्यादा अच्छा नहीं बीता। जब ट्रूडो पांच साल के थे तो उनके माता-पिता अलग हो गए। ऐसा पहली बार था जब कनाडा का कोई प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अपनी पत्नी से अलग हुआ। हालांकि, अपने पिता की मौत तक ट्रूडो उनके साथ ही रहे। राजनेता बनने से पहले जस्टिन ट्रूडो एक शिक्षक थे। वे एक हाई स्कूल में गणित पढ़ाते थे। जस्टिन ने मैकगिल यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी।
जब ट्रूडो की हुई राजनीति में एंट्री
बता दें कि जस्टिन ट्रूडो ने अपने पिता की मौत के बाद राजनीति में दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने पहली बार 2008 में चुनावी जीत दर्ज की। इसके बाद ट्रूडो को साल 2013 में लिबरल पार्टी का नेता चुना गया। हालांकि, 2015 में हुए केंद्रीय चुनाव में उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की और वे देश के 23वें पीएम चुने गए। इस दौरान उनकी उम्र 43 साल थी।
पिता की राह पर चलकर पत्नी से हुए अलग
बताते चलें कि ट्रूडो और सोफी ग्रेगोइर की शादी मई 2005 में हुई थी। उन दोनों के तीन बच्चे हैं। हालांकि, ट्रूडो भी अपने पिता की राह पर रहे। उन्होंने पीएम पद पर रहते हुए सोफी ग्रेगोइर के साथ 18 साल बाद अलग होने का फैसला किया।