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हर घर तिरंगा की तर्ज पर चलेगा 'हर घर ध्यान' अभियान, संस्कृति मंत्रालय ने Art Of Living के साथ मिलकर बनाई योजना

आजादी के अमृत महोत्सव में संस्कृति मंत्रालय ने इस दिशा में एक अहम कदम उठाया है जिसमें लोगों को फिर से ध्यान से जोड़ने की पहल होगी। मंत्रालय ने इसे लेकर हर घर ध्यान अभियान नाम दिया है। संस्कृति मंत्रालय ने आर्ट आफ लिविंग के साथ मिलकर योजना बनाई है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 25 Nov 2022 10:44 PM (IST)
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हर घर तिरंगा की तर्ज पर चलेगा 'हर घर ध्यान' अभियान। फाइल फोटो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। योग और ध्यान वैसे तो सदियों से भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है लेकिन पिछले कुछ सालों में आधुनिकता के रंग में जिस तरीके से हम इसको लेकर बेपरवाह हुए उसका परिणाम है, कि देश में एक बड़ा वर्ग मौजूदा समय मानसिक तनाव की चपेट में है। जिसका समाज के भीतर दिख भी रहा है। फिलहाल आजादी के अमृत महोत्सव में संस्कृति मंत्रालय ने इस दिशा में एक अहम कदम उठाया है, जिसमें लोगों को फिर से ध्यान से जोड़ने की पहल होगी।

मंत्रालय ने आर्ट आफ लिविंग के साथ मिलकर बनाई योजना

मंत्रालय ने इसे लेकर हर घर ध्यान अभियान नाम दिया है। जो आजादी के 75 साल पूरे होने तक यानी 15 अगस्त 2023 तक चलेगा। संस्कृति मंत्रालय ने इस मुहिम में आर्ट आफ लिविंग और उसके संस्थापक श्री श्री रविशंकर को साथ लिया है। जो देश भर में इस अभियान को पूरी ताकत से साथ चलाएंगे। मंत्रालय ने एक माड्यूल भी जारी किया है। इसके तहत कोई भी संस्थान या ग्रुप अपने यहां इस अभियान का आयोजन कर सकता है। जिसमें लोगों को ध्यान से जोड़ने के लिए एक घंटे का एक सत्र रखा जाएगा। इस दौरान आर्ट आफ लिविंग के प्रशिक्षित प्रशिक्षक लोगों को ध्यान करने और उससे होने वाले फायदों से परिचित कराएंगे। यह सत्र पूरी तरह से निशुल्क रहेगा।

मेडिटेशन एम्बेसडर को किया जाएगा तैयार

मंत्रालय इसके तहत देश भर में मेडिटेशन एम्बेसडर तैयार करेगा। जो इस अभियान को आगे भी जारी रखेंगे। मंत्रालय ने यह पहल हर घर तिरंगा को देश भर में मिली भारी सफलता के बाद की है। मंत्रालय ने इसके साथ ही यूजीसी के साथ मिलकर विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में इस अभियान को बड़े स्तर पर चलाने की भी योजना बनाई है। इसके बाद यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से इस अभियान से जुड़ने का सुझाव दिया है। साथ ही संस्थान के किसी वरिष्ठ शिक्षक या फिर कर्मचारी को मेडिटेशन एम्बेसडर के रूप में नामित करने के लिए भी कहा है। जो सत्र के आयोजन को लेकर सीधे आर्ट आफ लिविंग के प्रशिक्षकों से संपर्क में रहेंगे।

मुहिम से बचेगी जिंदगियां

मंत्रालय का मानना है कि यह मुहिम इसलिए अहम है क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य मौजूदा समय में एक बड़ी समस्या का रूप ले चुका है। जिसके चलते देश में बड़ी संख्या में लोग आत्महत्या कर रहे है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में देश में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने आत्महत्याएं की हैं। इनमें से ज्यादातर आत्महत्याओं का कारण मानसिक तनाव था। माना जा रहा है कि ध्यान के जरिए लोगों के मानसिक तनाव को दूर करने में मदद मिलेगी। साथ ही जिंदगियां भी बचेगी।

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