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Jammu Kashmir: घाटी में टारगेट किलिंग को रोकने के लिए सरकार का एक्शन, कई आतंकी संगठनों पर लगाया प्रतिबंध

बता दें कि सरकार ने पिछले तीन से चार दिनों के बीच टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज की है। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ लोगों को आतंकी घोषित किया है।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 08 Jan 2023 10:53 AM (IST)
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Jammu Kashmir: घाटी में टारगेट किलिंग को रोकने के लिए सरकार का एक्शन

नई दिल्ली, एजेंसी। जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हाल ही में हुई टारगेट किलिंग की घटनाएं सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती बनी हुई है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाओं को रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने आतंकवादियों के मंसूबे को नाकाम करने के लिए एक ठोस योजना बनाई है। इसके तहत गृह मंत्रालय ने दो आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है।

कई लोगों को घोषित किया आतंकी

साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ लोगों को आतंकी घोषित किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों पर गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को लक्षित हत्याओं पर नकेल कसने और जम्मू क्षेत्र में अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने की अपनी रणनीति बदल दी है। वह सुरक्षित जम्मू क्षेत्र में लक्षित हत्याओं को अंजाम देकर लोगों के बीच डर और घबराहट फैलाना चाहते हैं।

आतंकी संगठनों के खिलाफ सरकार ने की कार्रवाई

बता दें कि मंत्रालय ने पिछले तीन से चार दिनों के बीच इन घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज की है। गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर (आईएसजे) के भर्ती प्रमुख एजाज अहमद अहंगर को यूएपीए अधिनियम 1967 के तहत आतंकी घोषित किया है। एजाज अहमद अहंगर के अल-कायदा और अन्य वैश्विक आतंकी समूहों से निकट संबंध हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने लश्कर के लांचिंग कमांडर मोहम्मद अमीन खुबैब को आतंकी घोषित किया है। साथ ही प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ भी शिकंजा कसा है।

भारत में नए आतंकी संगठनों का किया निर्माण

सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादियों ने भारत में नए आतंकी संगठनों का निर्माण किया है। वे घाटी में आतंक के माहौल को जीवित रखना चाहते हैं और यह बताना चाहते हैं कि जम्मू और कश्मीर में अभी तक आतंक समाप्त नहीं हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि जब से आर्टिकल 370 को जम्मू और कश्मीर में निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद आतंकी समूहों ने आतंकवादी बनने के लिए नाराज कश्मीरी युवाओं को कट्टरपंथी बनाना शुरू कर दिया है। इसके बाद से ही उन्हें कश्मीर घाटी में नागरिक आबादी के बीच अपनी पहचान को ढालने के लिए गैर-इस्लामिक नाम सौंपे गए हैं।

'सरकार ने आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लिया'

जम्मू में हाल ही में लक्षित हत्याओं के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार ने आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि निर्दोष नागरिकों के जीवन की भरपाई नहीं की जा सकती है, मृतक व्यक्तियों के परिवारों की सभी संभव मदद होगी। एलजी ने कहा कि सरकार चाहे केंद्र की हो या फिर राज्य की। हमने आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए सुरक्षा बलों को पूरी स्वतंत्रता दी है।

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