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Indian Ocean: गहरे हिंद महासागर में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की खोज करेगा भारत, 36 महीने में बनेगा रिसर्च करने वाला जहाज

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (एनसीपीओआर) के साथ एक समझौते के तहत गहरे समुद्र में खोजबीन के लिए 89.5 मीटर लंबा शोध पोत बनाएगा।यह पोत ऐसे उद्देश्यों के लिए किसी भारतीय शिपयार्ड में बनाया गया सबसे बड़ा पोत होगा और यह भारत के गहरे समुद्र मिशन का समर्थन करेगाजिसका उद्देश्य दुर्लभ खनिजों और धातुओं के लिए हिंद महासागर की खोज करना है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Thu, 18 Jul 2024 11:10 PM (IST)
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भारत गहरे समुद्र में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की करेगा खोज (प्रतिकात्मक फोटो)

पीटीआई, पणजी। रक्षा क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के गोवा स्थित एक सरकारी संस्थान से हुए करार के तहत निर्मित होने वाला एक जहाज हिंद महासागर की गहराई में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की तलाश करेगा। 89.5 मीटर की लंबाई वाला यह पोत, समुद्र में गहरे अन्वेषण के लिए किसी भारतीय पोत कारखाने में बनाया जाने वाला सबसे बड़ा अनुसंधान जहाज होगा।

गोवा में राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (एनसीपीओआर) के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को अधिकारियों के हवाले से बताया कि इस जहाज को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के गहन समुद्री अभियान के वास्ते गहरे समुद्र में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने और नमूने एकत्र करने के लिए तैनात किया जाएगा। यह हर मौसम में काम कर पाएगा और इसमें एक बार में 34 वैज्ञानिकों को ले जाने की क्षमता होगी।

36 महीने में बनकर तैयार होगा जहाज

इसके अगले 30 साल तक भारत के लिए काम करने की संभावना है। कोलकाता स्थित जीआरएसई द्वारा 36 महीने में बनाए जाने वाले इस जहाज का अनुबंधित मूल्य 839.55 करोड़ रुपये है। इसमें कहा गया है कि यह 'भारत के गहन समुद्री अभियान के तहत गहरे समुद्र में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की खोज करेगा।'

'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत बनेगा ये जहाज 

गोवा में जीआरएसई व एनसीपीओआर के अधिकारियों ने मंगलवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह आधुनिक अनुसंधान जहाज सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत जीआरएसई द्वारा निर्मित किया जाएगा। यह आधुनिक प्रयोगशालाओं, वैज्ञानिक उपकरण और सुविधाओं से लैस होगा। जीआरएसई ने दिसंबर 2023 में भारतीय नौसेना को आइएनएस संध्याक सौंपा था जो देश में बनाया गया सबसे बड़ा सर्वेक्षण जहाज है। इस श्रेणी के तीन और जहाज पोत कारखाने में निर्माण के विभिन्न स्तरों पर है।

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