मांग और दाम में बदलाव के पीछे चीन बड़ा फैक्टर
एनएमडीसी लिमिटेड ने कहा है कि चीनी स्टील उत्पादन में स्थिरता और समुद्र से उत्पन्न लौह अयस्क की आपूर्ति के कारण भी लौह अयस्क की मांग औऱ कीमतों में दबाव आ सकता है।
हैदराबाद (प्रेट्र)। राज्य स्वामित्व वाली कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड ने कहा है कि चीन में लोहे के कम उत्पादन के कारण लौह अयस्क की कीमतों और मांग में भारी बदलाव आ सकते हैं। एनएमडीसी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एन बैजेंद्र कुमार ने यह भी कहा कि, इस्पात की मांग में बढ़ोत्तरी के कारण घरेलू मांग भी बढ़ सकती है। एक वार्षिक आम बैठक में कुमार ने कहा, चीनी स्टील उत्पादन में स्थिरता और समुद्र से उत्पन्न लौह अयस्क की आपूर्ति के कारण भी लौह अयस्क की मांग औऱ कीमतों में दबाव आ सकता है।
उन्होंने कहा, सौभाग्य से हमारे लिए आने वाले वर्षों में भारत में स्टील की मांग में एक प्रभावशाली वृद्धि होने वाली है। जिसमें घरेलू स्तर पर लौह अयस्क में उच्च स्तर पर खपत होगी। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान एनएमडीसी ने 37 लाख टन बिक्री का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले साल 35.6 मिलियन टन का लक्ष्य रखा गया था। देरी के कारण इस्पात संयंत्र की लागत में वृद्धि पर, निदेशक दवेन्द्र सिंह अहलूवालिया ने कहा कि कंपनी वर्तमान में लागत पर काम कर रही है। एनएमडीसी नारगर्नर में प्रति वर्ष तीन लाख टन का एक नया इस्पात संयंत्र स्थापित कर रहा है।
उन्होंने कहा, इस परियोजना पर अब तक 12,560 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। अहलूवालिया ने कहा, 2008 या 2009 में यूएस डॉलर का मूल्य 52 रुपए था जबकि आज यह 62 रुपए है इस अंतर से परियोजना लागत पर असर पड़ सकता है। "हमने इस्पात संयंत्र में हिस्सेदारी के विनिवेश के लिए लेनदेन सलाहकार, कानूनी सलाहकार और मूल्यांकन सलाहकार नियुक्त किए हैं। एक बार जब हम इसकी रिपोर्ट प्राप्त कर लेंगे, तो सरकार को इस प्रस्ताव को भेजा जाएगा।"
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