SCO Meeting: बिलावल भुट्टो के सामने जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खूब सुनाया
गोवा में एससीओ की बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खूब सुनाया। उस वक्त पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी वही पर मौजूद थे। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद एक बड़ा खतरा बना हुआ है।
जयप्रकाश रंजन, बेनोलिम (गोवा)। सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर अपने चिरपरिचित अंदाज में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को घेरा है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद एक बड़ा खतरा बना हुआ है और सीमा पार आतंकवाद समेत किसी भी तरह के आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता।'
जयशंकर की अध्यक्षता में ही यह बैठक हो रही थी, जब वह परोक्ष तौर पर पाकिस्तान पर निशाना लगा रहे थे। उस समय पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी सामने ही बैठे थे। जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद के मुद्दे से आंख चुराना हमारे सुरक्षा हितों के लिए सही नहीं होगा और एससीओ के किसी भी सदस्य को यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद इस संगठन का एक मुख्य मुद्दा रहा है।
बिलावल भुट्टो ने दिया जवाब
जयशंकर के शुरुआती अभिभाषण के बाद पाक विदेश मंत्री ने भी कूटनीतिक अंदाज में इस मुद्दे का जबाव दिया। भुट्टो ने कहा कि आतंकवाद अभी भी वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है, लेकिन हमें आतंकवाद का इस्तेमाल एक हथियार के तौर पर अपने कूटनीतिक हितों को साधने के लिए नहीं करना चाहिए। इस क्रम में भुट्टो ने अपनी मां व पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की आतंकवादियों के हाथों हुई मौत का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस खतरे को समाप्त करने के लिए वैश्विक व स्थानीय कोशिशों को लेकर प्रतिबद्ध है। भुट्टो ने आतंकवाद के खिलाफ सयुक्त कार्रवाई करने की अपील की और कहा कि इस चुनौती को देखते हुए हमें एक साथ आना चाहिए नहीं कि विभाजित होना चाहिए।
प्रमुखता से उठाया आतंकवाद का मुद्दा
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एससीओ बैठक को लेकर जो जानकारी दी उसमें भी सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा काफी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि सीमा पार हो या चाहे किसी भी तरह का आतंकवाद हो उसे रोकना ही होना चाहिए। हमें किसी भी व्यक्ति को या संगठन को गैर सरकारी प्रतिनिधियों की आड़ में छिपने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।
जयशंकर ने यह भी कहा है कि कनेक्टिविटी भी एक अहम मुद्दा है, लेकिन दूसरे सदस्य देशों की भौगोलिक अखंडता व संप्रभुता का जरूर ख्याल रखा जाना चाहिए। इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री शी गांग भी उपस्थित थे। बैठक में चीन, रूस और पाकिस्तान की तरफ से एससीओ देशों के बीच केनक्टिविटी परियोजनाओं को लेकर काफी उत्साह जताया गया। पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कारीडोर (सीपीईसी) का इस्तेमाल सभी सदस्य देशों को करने का आग्रह किया। जबकि भारत हमेशा से सीपीईसी का विरोध करता रहा है। भारत का कहना है कि यह कश्मीर के उस हिस्से से गुजरता है जो पाकिस्तान ने गैर कानूनी तरीके से कब्जा जमाकर रखा है।