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SCO मीटिंग में अजित डोभाल ने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी लिया लपेटे में, लश्कर और ISIS का किया जिक्र

शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की पहली बैठक में भारत के एनएसए ने ना सिर्फ पाकिस्तान को आतंकवाद को खुली मदद देने के नाम पर घेरा बल्कि अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी परियोजनाओं में दूसरे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करने के मामले में पाक के मित्र चीन को भी लपेटे में लिया।अस्ताना में चल रही बैठक में डोभाल ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरापन नहीं चलेगा।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Wed, 03 Apr 2024 10:00 PM (IST)
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SCO मीटिंग में अजित डोभाल (Image: ANI)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर वह अपनी पुरानी रणनीति पर ही अडिग है और इस बारे में वह हर अंतरराष्ट्रीय मंच से पड़ोसी देश पाकिस्तान के आतंकवादी चेहरे को बेनकाब करने की कोशिश में कोई कोताही नहीं करेगा।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की पहली बैठक में भारत के एनएसए ने ना सिर्फ पाकिस्तान को आतंकवाद को खुली मदद देने के नाम पर घेरा बल्कि अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी परियोजनाओं में दूसरे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करने के मामले में पाक के मित्र देश चीन को भी लपेटे में लिया। वैसे यह भारत का पुराना स्टैंड है लेकिन जिस तरह से डोभाल ने एससीओ के मंच पर अपने राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों को रेखांकित किया है वह भारत के सख्त रूख को बताता है।

कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में चल रही इस बैठक में डोभाल ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरापन अब नहीं चलेगा। सीमा पार से आतंकवाद का संचालन करने वाले और इसे किसी भी तरह से समर्थन करने वालों, इसे वित्त सुविधा उपलब्ध कराने वालों या संरक्षण देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी ही होगी। सनद रहे कि पाकिस्तान भी एससीओ का सदस्य है।

पिछले साल भारत ने एससीओ के बैठक की अध्यक्षता की थी जिसकी कई बैठकें भारत में भी हुई थी। एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी हिस्सा लिया था। आज की बैठक में भी डोभाल का संकेत सीधे तौर पर पाकिस्तान की तरफ ही था।

डोभाल ने पाकिस्तान सरकार की तरफ से पोषित आतंकी संगठनों जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा का नाम लिया और कहा कि एससीओ के सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित इन आतंकी संगठनों का निशाना बन रहे हैं। मॉस्को आतंकी हमले का जिक्र करते हुए डोभाल ने कहा कि इस तरह के आतंकी वारदातों के पीछे के उद्देश्यों को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता।

डोभाल ने कहा कि, भारत एससीओ सदस्य देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ा कर आपसी कारोबार को बढ़ावा देने के पक्ष में है। लेकिन इस बारे में कोई भी प्रयास दूसरे देशों की संप्रभुता व राष्ट्रीय अखंडता को ध्यान रखते हुए होना चाहिए।' भारत का संकेत चीन की तरफ था जिसकी चीन पाकिस्तान आर्थिक कारीडोर (सीईपीसी) का हिस्सा कश्मी के उस हिस्से से गुजरता है जिस पर अभी पाकिस्तान का कब्जा है।

अपने भाषण में डोभाल ने हाल ही में मास्को में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और भारत की जनता की तरफ से रूस की जनता के प्रति संवेदना प्रकट की। बैठक के बाद भारतीय एनएसए डोभाल की रूस, ईरान समेत कुछ दूसरे देशों के एनएसए से द्विपक्षीय मुद्दों पर बैठक भी हुई।

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