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Kerala: क्या है 'काफिर' अभियान? जिसका पता लगाने के लिए हाई कोर्ट ने केरल पुलिस को दिया निर्देश

Kerala केरल के विवादास्पद काफिर अभियान को लेकर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पुलिस इसके स्त्रोत का पता लगाए। गौरतलब है कि यह विवादित अभियान वडकारा निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले चलाया गया था। इसे लेकर यूडीएफ और एलडीएफ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू भी हुआ था। जानिए क्या है पूरा मामला।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 29 Aug 2024 11:45 PM (IST)
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अभियान वडकारा निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले चलाया गया था। (File Image)

पीटीआई, कोच्चि। केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को विवादास्पद 'काफिर' अभियान के स्त्रोत का पता लगाने का निर्देश दिया है। यह अभियान वडकारा निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले चलाया गया था।

इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाकपा (एम) के नेतृत्व वाले एलडीएफ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हुआ था। जस्टिस बेचू कुरियन थामस ने यह भी कहा कि जिन लोगों के नाम पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयानों के आधार पर प्राप्त किए गए थे, उनमें से कुछ से पूछताछ नहीं की गई है।

कोर्ट ने दिया निर्देश

कोर्ट ने निर्देश दिया कि ऐसे व्यक्तियों से पूछताछ की जाए। याचिकाकर्ता मुहम्मद खासिम के इस तर्क की जांच करने का भी निर्देश दिया कि मामले में किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी का अपराध भी शामिल किया जाना चाहिए।

अपने नाम से प्रसारित हो रहे पोस्ट को देखकर मुहम्मद खासिम ने हाई कोर्ट का रुख किया था और आरोप लगाया था कि उनके नाम से एक फर्जी स्क्रीनशॉट प्रसारित किया जा रहा था और वडकारा पुलिस शिकायत दर्ज कराने के बावजूद कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रही है। कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच में तेजी आई और अब पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि कासिम ने ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया है।