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'जैसा पंडित नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ किया था', असम CM ने की अयोध्या निमंत्रण को अस्वीकार करने के लिए कांग्रेस की आलोचना

Ram Mandir Consecration Ceremonyराम मंदिर के अभिषेक समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद से ही कांग्रेस पर भाजपा सरकार निशाना साध रही है। इस बीचअसम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को अपने पाप को कम करने का मौका दिया गया था लेकिन पार्टी ने राम मंदिर अभिषेक समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। इतिहास इसे हिंदू विरोधीके रूप में याद रखेगी।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Thu, 11 Jan 2024 02:51 PM (IST)
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)

पीटीआई, गुवाहाटी। Ram Mandir Consecration Ceremony: राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल होने से कांग्रेस ने मना कर दिया है। अभिषेक समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद से ही कांग्रेस पर भाजपा सरकार निशाना साध रही है। इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को "अपने पाप को कम करने" का मौका दिया गया था, लेकिन पार्टी ने राम मंदिर अभिषेक समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। इतिहास इसे "हिंदू विरोधी" के रूप में याद रखेगी।

सीएम सरमा ने दावा किया कि कांग्रेस शुरुआत से ही अयोध्या में राम मंदिर के बारे में अपने विचारों के लिए इस तरह के निमंत्रण की हकदार नहीं थी।

कांग्रेस पार्टी को मिला था पाप कम करने का एक सुनहरा अवसर

उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "@VHPDigital (विश्व हिंदू परिषद) ने अपने नेतृत्व को श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण देकर कांग्रेस पार्टी को अपना पाप कम करने का एक सुनहरा अवसर दिया था।"

उन्होंने आगे कहा, "...हालांकि, मेरी विनम्र राय में, शुरुआत से ही राम मंदिर के खिलाफ अपने विचारों के लिए वे इस तरह के निमंत्रण के हकदार नहीं थे।"

पंडित नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ किया था ऐसा

सरमा ने कहा कि कांग्रेस इस निमंत्रण को स्वीकार करके प्रतीकात्मक रूप से "हिंदू समाज" से माफी मांग सकती थी। उन्होंने कहा, "हालांकि, जैसा पंडित नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ किया था, कांग्रेस नेतृत्व ने राम मंदिर के साथ भी वैसा ही किया। इतिहास उन्हें हिंदू विरोधी पार्टी के रूप में आंकता रहेगा।"

कांग्रेस ने अस्वीकार किया निमंत्रण

पोस्ट के साथ, सरमा ने कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश द्वारा जारी बयान को साझा किया, जिसमें पार्टी नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी को दिए गए निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया गया था। रमेश ने कहा था कि भगवान राम को लाखों लोग पूजते हैं, लेकिन धर्म उनका निजी मामला है।

कांग्रेस नेता ने कहा, "आरएसएस/भाजपा ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर की राजनीतिक परियोजना बनाई है। भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया है।"

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