बगैर अनुमति और जेनेटिक प्रोफाइल के पालतू हाथियों का अब नहीं होगा स्थानांतरण, केंद्र ने जारी की नई गाइडलाइंस
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पालतू हाथियों के स्थानांतरण और परिवहन को लेकर एक नई नीति तैयार की है। उन्हीं पालतू हाथियों को स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी जिनके स्वामित्व को लेकर वैध प्रमाण पत्र मौजूद होगा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सख्ती व प्रयासों से इस स्थिति में सुधार हुआ है। परिवहन के दौरान हाथी के साथ एक महावत व एक सहायक का होना जरूरी होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पालतू हाथियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में जुटे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अब उनके स्थानांतरण और परिवहन को लेकर एक नई नीति तैयार की है, जिसमें बगैर अनुमति व जेनेटिक प्रोफाइल के उनका एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरण नहीं हो सकेगा। उन्हें यह अनुमति राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन से अनिवार्य रूप से लेनी होगी।
इस दौरान सिर्फ उन्हीं पालतू हाथियों को स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी, जिनके स्वामित्व को लेकर वैध प्रमाण पत्र मौजूद होगा। साथ ही यह भी स्पष्ट करना होगा कि किन कारणों से उसे स्थानांतरित करना कि जा रहा है। यदि वह तर्क संगत होंगे, तो तभी यह अनुमति मिलेगी।
देश में कितनी हैं हाथियों की संख्या?
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पालतू हाथियों के स्थानांतरण और परिवहन को लेकर यह नीति तब तैयार की है, जब इनके एक जगह से दूसरे जगह पर स्थानांतरण को लेकर अक्सर विवाद खड़े होते रहते है। मंत्रालय के मुताबिक, वैसे तो देश में मौजूदा समय में करीब तीन हजार पालतू हाथी है। इनमें से ज्यादातर की हालत ठीक नहीं है। उन्हें बेहतर परिवेश नहीं मिल पा रहा है।तीन सौ पालतू हाथियों की हुई जेनेटिक प्रोफाइलिंग
पिछले कुछ सालों में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सख्ती व प्रयासों से इस स्थिति में सुधार हुआ है। मंत्रालय ने पालतू हाथियों की जेनेटिक प्रोफाइलिंग का काम भी शुरू किया है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड व पंजाब सहित सात राज्यों में शुरू किया गया यह काम पूरा हो गया है। इन राज्यों में पाए जाने वाले करीब तीन सौ पालतू हाथियों की जेनेटिक प्रोफाइलिंग कर ली गई है। मंत्रालय ने इस नई नीति के साथ ही राज्यों को इस पर सख्ती से अमल के भी निर्देश दिए है।
लेना होगा प्रमाण पत्र
इस बीच मंत्रालय की ओर से पालतू हाथियों को लेकर तैयार की गई नई स्थानांतरण और परिवहन नीति के इनके स्थानांतरण के दौरान यह भी जांचा जाएगा, कि जहां उन्हें स्थानांतरित किया जा रहा है, वहां उनके रखने की क्या व्यवस्था है। वहां का परिवेश उनके अनुकूल है या नहीं। स्थानांतरण के साथ पशु चिकित्सक से उनके स्वस्थ होने का एक प्रमाण पत्र भी लेना होगा।रास्ते में खाना-पानी का करना होगा बंदोबस्त
परिवहन के दौरान हाथी के साथ एक महावत व एक सहायक का होना जरूरी होगा। रास्ते में खाना-पानी का पर्याप्त बंदोबस्त करना होगा। वहीं स्थानांतरण की अनुमति मिलने के तीन महीने के भीतर ही उसको स्थानांतरित करना होगा। राज्य के बाहर स्थानांतरित किए जाने पर उस राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन की भी सहमति लेनी जरूरी होगी।
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