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'युद्ध, नक्सलवाद से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में गई लोगों की जान', गडकरी बोले- ड्राइवर बनता है बलि का बकरा

Nitin Gadkari on Road Safety रोड सेफ्टी कॉन्क्लेव में बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत में युद्ध उग्रवाद और नक्सलवाद से ज्यादा लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि बलि के बकरे की तरह हर दुर्घटना के लिए ड्राइवर को दोषी ठहराया जाता है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 28 Aug 2024 11:45 PM (IST)
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नितिन गडकरी ने रोड सेफ्टी पर आयोजित एक कॉन्क्लेव में ये बातें कहीं। (File Image)

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में युद्ध, उग्रवाद और नक्सलवाद से ज्यादा लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है। सड़क परियोजनाओं की खराब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानी डीपीआर के कारण ब्लैकस्पॉट की संख्या बढ़ रही है। यह कहना है केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का।

वे बुधवार को फिक्की रोड सेफ्टी अवॉ‌र्ड्स और कॉन्क्लेव 2024 के छठे संस्करण को संबोधित कर रहे थे। गडकरी के अनुसार, 'भारत में हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं और 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जबकि करीब तीन लाख लोग घायल होते हैं। इससे देश की जीडीपी को तीन प्रतिशत का नुकसान हुआ है।'

हाईवे के सुरक्षा ऑडिट की आवश्यकता पर जोर

नितिन गडकरी ने कहा कि बलि के बकरे की तरह हर दुर्घटना के लिए ड्राइवर को दोषी ठहराया जाता है। मैं आपको बता दूं और मैं बारीकी से देखता भी हूं, अक्सर सड़क इंजीनियरिंग में गलती होती है।' केंद्रीय मंत्री ने सभी हाईवे का सुरक्षा ऑडिट कराने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या कम करने के लिए हमें लेन अनुशासन का पालन करने की जरूरत है। गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एंबुलेंस और उसके ड्राइवरों के लिए कोड तैयार कर रहा है, ताकि उन्हें सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को तत्काल बचाने के लिए कटर जैसी मशीनरी का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया जा सके।