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मोदी सरकार ने किसानों के लिए खोला खजाना, 'पीएम-आशा' योजना रहेगी जारी; खाद पर सब्सिडी को भी मंजूरी

PM-AASHA Scheme केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) पीएम-आशा योजना को जारी रखने को मंजूरी दे दी है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस फैसले पर मुहर लगाई।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 18 Sep 2024 08:04 PM (IST)
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'पीएम-आशा' योजना जारी रहेगी। (File Photo )

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। (PM-AASHA Scheme) केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों के हित में दो बड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखा जाएगा। साथ ही रबी मौसम के लिए उर्वरकों पर सब्सिडी को भी मंजूर कर लिया गया है। दोनों योजनाओं पर लगभग 60 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

35 हजार करोड़ का आएगा खर्च

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने के साथ ही उपभोक्ताओं को राहत देने के प्रयासों के तहत पीएम-आशा योजना को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इस पर 35 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

भंडारण पर खर्च

इससे मूल्य को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। इन पैसों को किसी फसल के ज्यादा उत्पादन के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव को थामने के लिए भंडारण पर खर्च किया जाएगा। इस मद में 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक कुल वित्तीय व्यय 35 हजार करोड़ रुपये होगा।

किसानों को राहत

विपरीत स्थितियों में किसानों एवं उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजनाओं को पीएम-आशा में समायोजित किया गया है।

फसलों की अधिक खरीद

मूल्य समर्थन योजना के तहत एमएसपी पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद राष्ट्रीय उत्पादन का 25 प्रतिशत होगी, जिससे राज्यों को लाभकारी मूल्य दिलाने और संकटपूर्ण बिक्री को रोकने के लिए किसानों से एमएसपी पर इन फसलों की अधिक खरीद करने में मदद मिलेगी। हालांकि वर्ष 2024-25 के लिए तुअर, उड़द एवं मसूर के मामले में यह सीमा लागू नहीं होगी, क्योंकि इन दालों की एमएसपी पर सौ प्रतिशत खरीदारी का निर्णय सरकार ने पहले ही ले लिया है।

किसानों को रियायती दर पर मिलती रहेगी उर्वरक

मंत्रिमंडल ने रबी फसल सत्र (2024) के लिए फास्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी की दरें तय करने के उद्देश्य से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इस पर 24,475 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे उर्वरकों के मूल्य में हालिया रुझान को देखते हुए फास्फेटिक एवं पोटैसिक उर्वरकों पर सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जाएगा।

सरकार उर्वरक कंपनियों एवं आयातकों के जरिए किसानों को रियायती दरों पर 2010 से ही 28 ग्रेड के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। इसमें यूरिया, डीएपी, एमओपी एवं सल्फर शामिल हैं। सरकार के फैसले से किसानों के रियायती दर पर उर्वरक मिलती रहेगी।

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