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सिर पर चरणपादुका लेकर 8000 KM की पदयात्रा कर रहा रामभक्त, कारसेवक पिता का सपना साकार करने हैदराबाद से पहुंचेगा अयोध्या

भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा और अपने कारसेवक पिता के सपने को पूरा करने की इच्छा के साथ शहर से 64 वर्षीय एक व्यक्ति ने सोने की परत वाली पादुकाएं भेंट करने के लिए हैदराबाद से अयोध्या के लिए हजारों किलोमीटर की पदयात्रा शुरू कर दी है। शास्त्री पहले ही ओडिशा में पुरी महाराष्ट्र में ‌र्त्यंबक और गुजरात में द्वारका जैसे कई स्थानों के दर्शन कर चुके हैं।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Sat, 06 Jan 2024 11:13 PM (IST)
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भगवान राम के लिए ‌र्स्वणजड़ित चरण पादुका लेकर हैदराबाद से अयोध्या के लिए निकला भक्त। फाइल फोटो।

पीटीआई, हैदराबाद। भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा और अपने कारसेवक पिता के सपने को पूरा करने की इच्छा के साथ शहर से 64 वर्षीय एक व्यक्ति ने सोने की परत वाली पादुकाएं भेंट करने के लिए हैदराबाद से अयोध्या के लिए हजारों किलोमीटर की पदयात्रा शुरू कर दी है। चल्ला श्रीनिवास शास्त्री अयोध्या-रामेश्वरम मार्ग से यात्रा कर रहे हैं, जिसे भगवान राम ने वनवास के दौरान अपनाया था।

20 जुलाई को शुरू की थी अपनी यात्रा

उन्होंने कहा कि वह रास्ते में भगवान द्वारा स्थापित सभी शिवलिंगों के दर्शन करते हुए यात्रा करना चाहते थे और 20 जुलाई को अपनी यात्रा शुरू की थी। शास्त्री पहले ही ओडिशा में पुरी, महाराष्ट्र में ‌र्त्यंबक और गुजरात में द्वारका जैसे कई स्थानों के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने सिर पर चरणपादुका लेकर लगभग आठ हजार किमी की दूरी पैदल तय करेंगे, जिसे वह अयोध्या पहुंचने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप देंगे।

शास्त्री ने कहा कि वह आयकर विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी डा रामअवतार द्वारा तैयार किए गए मानचित्र का अनुसरण कर रहे हैं, जिन्होंने उस मार्ग पर 15 वर्षों तक शोध किया है, जिसका अनुसरण भगवान राम ने वनवास के दौरान किया था।

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चांदी की पांच ईंट की थी दान

उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने अयोध्या में कारसेवा में भाग लिया था। वह भगवान हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। उनकी इच्छा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देखने की थी। अब वह नहीं रहे, इसलिए मैंने उनकी इच्छा पूरी करने का निर्णय किया। शास्त्री ने कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर में अपने योगदान के तहत उन्होंने अब तक चांदी की पांच ईंट दान की हैं।

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