Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 'मंगल ध्वनि' कार्यक्रम का आयोजन, 50 से अधिक वाद्य यंत्रों से गूंजेगा मंदिर परिसर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को घोषणा की कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह को मंगल ध्वनि नामक एक मनमोहक संगीत कार्यक्रम द्वारा चिह्नित किया जाएगा। विभिन्न राज्यों के 50 से अधिक उत्कृष्ट वाद्ययंत्र इस शुभ अवसर पर एक साथ बजेंगे और लगभग दो घंटे तक गूंजते रहेंगे। अयोध्या के ही यतींद्र मिश्रा द्वारा संचालित इस भव्य संगीतमय प्रस्तुति को संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली का समर्थन प्राप्त है।
एएनआई, नई दिल्ली। सोमवार को भव्य राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर उत्साह और जनता की उम्मीदें लौकिक चरम पर पहुंच गई है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को घोषणा की कि 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह को 'मंगल ध्वनि' नामक एक मनमोहक संगीत कार्यक्रम द्वारा चिह्नित किया जाएगा।
ट्रस्ट ने कहा कि यह कार्यक्रम प्रत्येक भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जो प्रभु श्री राम के उत्सव और सम्मान में विविध परंपराओं को एक साथ लाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे शुरू किया जाएगा।
मंदिर ट्रस्ट ने शेयर की जानकारी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंदिर ट्रस्ट ने भव्य संगीत कार्यक्रम पर एक संदेश के साथ कुछ पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "भक्ति में डूबे हुए, अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह सुबह 10 बजे राजसी 'मंगल ध्वनि' से सुशोभित होगा। विभिन्न राज्यों के 50 से अधिक उत्कृष्ट वाद्ययंत्र इस शुभ अवसर पर एक साथ बजेंगे और लगभग दो घंटे तक गूंजते रहेंगे।"Immersed in devotion, the Prana Pratishtha ceremony at Shri Ram Janmabhoomi in Ayodhya will be graced by the majestic 'Mangal Dhwani' at 10 AM. Witness over 50 exquisite instruments from different states come together for this auspicious occasion, resonating for nearly two hours.… pic.twitter.com/9YlmraFFLx
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 21, 2024
ट्रस्ट ने कहा, "विभिन्न राज्यों के अनोखे वाद्य यंत्र, दिव्य आर्केस्ट्रा में एकजुट होंगे। भारत की सदियों पुरानी परंपराओं को अपनाने और पुनर्जीवित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।"
विभिन्न राज्यों के वाद्य यंत्र होंगे शामिल
कार्यक्रम का एक प्रमुख पहलू पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों का वादन होगा, जैसे यूपी से पखावज, बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक से वीणा, महाराष्ट्र से सुंदरी, ओडिशा से मर्दाला, एमपी से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ से तंबूरा, दिल्ली से शहनाई, राजस्थान से रावण हत्था, पश्चिम बंगाल से श्रीखोल और सरोद, आंध्र प्रदेश से घाटम, झारखंड से सितार, गुजरात से संतार, गुजरात से पखावज, उत्तराखंड से हुड़का, और तमिलनाडु से नागस्वरम, ताविल और मृदंगम की गूंज होगी।यह भी पढ़ें: Ram Mandir: 22 जनवरी को पधारेंगे रामलला, पढ़ें प्राण प्रतिष्ठा से लेकर दर्शन और टिकट से जुड़े सभी सवालों के जवाब