भारतीय श्रमिकों के लिए खुशखबरी! इजरायल के बाद अब ताइवान ने खोले दरवाजे, मैन्यूफैक्चरिंग सहित इन क्षेत्रों में भारी मांग
इजरायल के बाद अब ताइवान ने भारतीय श्रमिकों के लिए अपने देश के दरवाजे खोल दिए हैं। ताइवान की सरकार ने शुक्रवार को बताया है कि उसके श्रम मंत्रालय और भारत सरकार के बीच एक समझौता हुआ है जिससे भारतीय श्रमिकों का आगमन शुरू हो जाएगा। बता दें कि ताइवान मैन्यूफैक्चरिंग कंस्ट्रक्शन और कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की कमी से जूझ रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इजरायल के बाद अब ताइवान ने भारतीय श्रमिकों के लिए अपने देश के दरवाजे खोल दिए हैं। ताइवान की सरकार ने शुक्रवार को बताया है कि उसके श्रम मंत्रालय और भारत सरकार के बीच एक समझौता हुआ है जिससे भारतीय श्रमिकों का आगमन शुरू हो जाएगा। यह भी कहा गया है कि किस उद्योग में श्रमिक चाहिए और कितनी मात्रा में चाहिए, इसका निर्धारण बाद में किया जाएगा। साथ ही श्रमिकों की योग्यता, भाषा की जानकारी और किस पद्धति से उन्हें आमंत्रित किया जाएगा, इसका भी फैसला बाद में होगा। इसके लिए विमर्श का दौर जारी है।
कैसे पूरी होगी प्रक्रिया?
बता दें कि दोनों पक्षों के बीच जिस मसौदे पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है उसे ताइवान की संसद से भी मंजूरी ली जाएगी। इन सारी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद ताइवान सरकार भारत को श्रम आपूर्ति के लिए नये देश के तौर पर चिन्हित करेगा। यह पहला मौका होगा जब ताइवान किसी दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों व चीन के अलावा किसी अन्य देश से श्रमिकों की आपूर्ति करेगा।
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श्रमिकों की कमी से जूझ रहा ताइवान
ताइवान की तरफ से यह भी बताया गया है कि प्रक्रिया के समापन के बाद वहां की कंपनियां भारत से सीधे श्रमिकों को अपनी कंपनी में या फैक्ट्री में नियुक्ति कर सकेंगी। ताइवान मैन्यूफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की कमी से जूझ रहा है। अभी तक वहां के बाजार में चीन के श्रमिक सबसे ज्यादा काम करते थे, लेकिन अब उनकी तरफ से ज्यादा वेतन की मांग की जा रही है। इसके अलावा ताइवान में स्थानीय नागरिकों की आयु बढ़ रही है जिससे वहां युवा श्रमिकों की घरेलू स्तर पर कमी होती जा रही है।भारतीय श्रमिकों की जमकर हुई प्रशंसा
ताइवान के श्रम मंत्रालय ने जो विज्ञप्ति जारी की है उसमें भारतीय श्रमिकों की खूब प्रशंसा की गई है। इसमें बताया गया है कि भारत के 1.8 करोड़ श्रमिक दुनियाभर में काम कर रहे हैं। भारतीय श्रमिकों को कार्यकुशल और बेहतर बताया गया है व इटली, जर्मनी, फ्रांस जैसे देशों से इनकी मांग होने की बात कही गई है। जापान व इजरायल ने वर्ष 2023 में भी भारतीय श्रमिकों को लेने के लिए भारत सरकार के साथ समझौता किया है।
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