ताइवान में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव, नतीजों से अमेरिका-चीन के बीच तल्खी बढ़ने की आशंका लेकिन इससे भारत को होगा फायदा
ताइवान चुनाव इस साल की सबसे चर्चित भू-राजनैतिक घटनाओं में एक है। इसके नतीजे ताइवान की सीमा से बाहर भी बड़ा उलट-फेर करने की हैसियत रखते हैं। इसे चीन के साथ ताइवान के रिश्ते और अमेरिका-चीन रिश्तों के लिए काफी अहम माना जा रहा है। अमेरिका और चीन के रिश्ते में किसी तरह का बदलाव आया तो उसका असर भारत पर भी पड़ेगा।
Sunil Kumar Singh Fri, 12 Jan 2024 07:32 PM (IST)
16 जनवरी को अपडेट... चीन के दबाव में एक और देश, नोरू ने ताइवान की अलग मान्यता खत्म कर दी है। डीपीपी प्रत्याशी लाइ चिंग-ते की जीत के दो दिन बाद ही नोरू ने यह कदम उठाया है। लाइ मई में राष्ट्रपति बनेंगे। अब सिर्फ 12 देश ऐसे रह गए हैं जिन्होंने ताइवान को अलग देश के तौर पर मान्यता दे रखी है।
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