Ethics Committee: विपक्ष में रहते हुए महुआ मोइत्रा की सांसदी खत्म करने के पक्ष में किया वोट, पढ़ें कौन हैं कांग्रेस सांसद परणीत कौर?
Ethics Committee Report कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की है। एथिक्स कमेटी में छह-चार से इस मामले पर फैसला लिया गया। अब इसे लोकसभा अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के दौरान महुआ मोइत्रा को लेकर प्रस्ताव आ सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पैसे लेकर प्रश्न पूछने के आरोप में लोकसभा की आचार समिति ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता निरस्त करने की सिफारिश की है। छह-चार के बहुमत से समिति में स्वीकार्य किये गए रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा।
चार दिसंबर को आ सकता सदन में प्रस्ताव
माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन संभवत: 4 दिसंबर को इस बाबत सदन में प्रस्ताव आएगा और मोईत्रा की सदस्यता रद की जाएगी। इसके पहले 2005 में पैसे के लेकर प्रश्न पूछने के आरोप में 11 सांसदों की सदस्यता जा चुकी है। पैसे लेकर प्रश्न पूछने के आरोप जितने गंभीर हैं, कार्रवाई की अनुशंसा भी उसी तेजी से आई।
500 पन्नों की रिपोर्ट की गई पेश
भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे की औपचारिक शिकायत के 25 दिनों के अंदर समिति ने सिफारिश दे दी। कई दौर की बैठक हो चुकी थी जिसमें सभी संबंधित पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया। लगभग 500 पन्नों की रिपोर्ट में उन सभी के बयान को शामिल किया गया है।
गृह और विदेश मंत्रालय की जांच रिपोर्ट भी शामिल
गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय की जांच के रिपोर्ट भी शामिल किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि पैसे लेकर मोईत्रा ने न संसद और देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया। गुरुवार को जब यह रिपोर्ट समिति के पास रखी गई तो विभाजन स्पष्ट दिखा।
कांग्रेस सांसद ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ किया वोट
विपक्षी दलों के चार सांसदों ने असहमति में वोट दिया और कांग्रेस सदस्य परणीत कौर ने मोईत्रा की सदस्यता रद करने के पक्ष में। हालांकि फिलहाल वह कांग्रेस से निलंबित हैं।
(फोटो- कांग्रेस सांसद परणीत कौर)
समिति के कुछ सदस्य व्यक्तिगत कारणों से समिति की बैठक में उपस्थित नहीं हो पाए थे, जिसमें भाजपा के तीन सदस्य थे। गुरुवार को बैठक महज 20 मिनट में खत्म हो गई। आगामी शीतकालीन सत्र में इसे सदन में पेश किया जाएगा।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप
माना जा रहा है कि सदन में विपक्षी दल भी इसका विरोध करने से शायद बचें। 2005 में भी जब इस तरह का प्रस्ताव आया था तो सदन ने एकमत से उसे स्वीकार किया था। अगर असहमति बनी तो सदन में मतदान भी कराया जा सकता है। ध्यान देने की बात है कि निशिकांत दुबे अपनी शिकायत में महुआ मोइत्रा पर उद्योगपति हीरानंदानी से महंगे गिफ्ट और पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था।
जांच के दौरान यह साफ हो गया कि मोइत्रा ने एक सांसद के रूप में मिली आइडी और पासवर्ड को हीरानंदानी के साथ शेयर किया था। मोइत्रा के सांसद के एकाउंट के 41 बार दुबई से लागइन किये जाने के भी सबूत मिले हैं। जबकि इसे गोपनीय रखने और निजी उपयोग तक सीमित रखने का नियम है। बुधवार को निशिकांत दुबे ने इस मामले में सीबीआइ जांच शुरू होने का भी दावा किया है। दुबे के अनुसार उन्होंने इसकी शिकायत लोकपाल को की थी और लोकपाल ने जांच के लिए इसे सीबीआइ को भेज दिया है।
दानिश अली को भी चेतावनी
बसपा सदस्य दानिश अली के व्यवहार भी पर समिति ने गहरी रोष जताया है। दरअसल, मोइत्रा के साथ खड़े दानिश ने पिछली बैठक के बाद आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर के बयानों को तोड़ मरोड़ कर बाहर पेश किया था। समिति ने कहा कि उनका यह आचरण बहुत खेदजनक है और उन्हें भविष्य के लिए चेतावनी दी जानी चाहिए। जाहिर है कि शीतकालीन सत्र में उन्हें भी कठघरे में खड़ा किया जाएगा।