Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

मौसम के साथ बदलती है त्‍वचा की रंगत... संबलपुर चिड़ियाघर में लाए गए आठ हॉग डीयर, ये हैं खासियत

Odisha News चिड़ियाघरों के बीच चल रहे पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत नंदनकानन चिड़ियाघर से आठ हॉग डियर संबलपुर चिड़ियाघर लाए गए। इन हॉग डीयर में 4 नर और 4 मादा शामिल हैं। इसी तरह से नंदनकानन चिड़ियाघर को संबलपुर चिड़ियाघर से 5 सांभर (2 नर और 3 मादा) भेजा जाएगा क्योंकि संबलपुर चिड़ियाघर में पर्याप्त संख्या में सांभर हैं।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 21 Feb 2024 04:19 PM (IST)
Hero Image
नंदनकानन चिड़ियाघर से संबलपुर लाए गए आठ हॉग डियर।

संवाद सूत्र, संबलपुर। हीराकुद वन्यजीव प्रभाग के अधिकारी इस वर्ष चिड़ियाघरों के बीच चल रहे पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत नंदनकानन चिड़ियाघर से मंगलवार, 20 फरवरी के दिन आठ हॉग डीयर (हिंदी में- पाढ़ा और ओड़िया में कुजी हरिण) को संबलपुर चिड़ियाघर लाए। इन हॉग डीयर में 4 नर और 4 मादा शामिल हैं। 

मौसम के अनुसार बदलता है इनका रंग

इस बारे में जानकारी देते हुए हीराकुद वन्यप्राणी प्रभाग की डीएफओ अंशु प्रज्ञा दास ने बताया कि हॉग डीयर ज्यादातर दक्षिण पूर्व एशिया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में देखा जाता है। आमतौर पर इसे इंडो चाइनीज हॉग डीयर के नाम से भी जाना जाता है।

भारत में यह अधिकतर उत्तर भारत में देखा जाता है। इसका नाम "हॉग" - हिरण है, क्योंकि यह सिर झुकाकर दौड़ता है। इसका शरीर छोटे पैरों के साथ ठोस रुप से निर्मित है, जो इस जानवर को दर्शकों के लिए दिलचस्प बनाता है। इसकी त्वचा का रंग मौसम के अनुसार बदलता रहता है।

सीटी के समान सुनाई पड़ती है इनकी आवाज

नर के सींग अलग-अलग होते हैं। सुबह और शाम के समय सुनाई देने वाली इनकी पुकार एक लंबी सीटी के समान होती है। इसका जीवनकाल लगभग 20 वर्ष का होता है। यह वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम- 1972 की अनुसूची-3/लुप्त:प्राय श्रेणी का जानवर है। 

संबलपुर से भेजे गए 5 सांभर

इन आठ हॉग डीयर के बदले, नंदनकानन चिड़ियाघर को संबलपुर चिड़ियाघर से 5 सांभर (2 नर और 3 मादा) भेजा जाएगा, क्योंकि संबलपुर चिड़ियाघर में पर्याप्त संख्या में सांभर हैं।

एक महीने तक इन हॉग डीयर को क्वारंटाइन में रखा जाएगा और एक महीने के बाद उन्हें संबलपुर चिड़ियाघर में आगंतुकों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। गौरतलब है कि दो महीने पहले दिसंबर के महीने में, हीराकुद वन्यजीव प्रभाग के अधिकारी नंदनकानन से आठ ब्लैकबक लाए थे, जो अब अच्छे स्वास्थ्य में हैं और आगंतुकों द्वारा पसंद किए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: अभी से 37 डिग्री...! ओडिशा के तापमान में उछाल, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का अस्‍पतालों को बेड तैयार रखने का निर्देश

यह भी पढ़ें: ओडिशा में बड़ा हादसा: ट्रक ने बस को मारी जोरदार टक्‍कर, 10 यात्री बुरी तरह से घायल