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Agni Missile: बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण, सीडीएस और सेना के शीर्ष अधिकारी की मौजूदी में हुई टेस्टिंग

अग्नि सीरीज की मिसाइल में से यह बेहद घातक आधुनिक और मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है। इस मिसाइल को भारतीय स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड के तहत संचालित किया जाएगा। इसे अग्नि पी नाम से भी जाना जाता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर बी कामत ने इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ एसएफसी और सशस्त्र बलों को बधाई दी है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Fri, 05 Apr 2024 05:00 AM (IST)
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डीआरडीओ ने नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का परीक्षण किया। (फोटो सोर्स: एएनआई)

लावा पांडे, बालेश्वर। सामरिक बल कमान (एसएफसी) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर बुधवार की शाम लगभग सात बजे ओडिशा समुद्र तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का परीक्षण किया। यह अग्नि-1 मिसाइल का स्थान लेगी।

मिसाइल को भारतीय स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड के तहत संचालित किया जाएगा

अग्नि सीरीज की मिसाइल में से यह बेहद घातक आधुनिक और मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है। इस मिसाइल को भारतीय स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड के तहत संचालित किया जाएगा। इसे अग्नि पी नाम से भी जाना जाता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर बी कामत ने इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, एसएफसी और सशस्त्र बलों को बधाई दी है।

इस मौके पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड के प्रमुख, डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। डीआरडीओ के सूत्रों के मुताबिक बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम 2000 किलोमीटर तक प्रहार करने में सक्षम है।

मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम 

यह मिसाइल 3000 किलोग्राम वजन तक उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है। इस मिसाइल का वजन 11 हजार किलोग्राम है। यह सालिड फ्यूल से उड़ने वाली मिसाइल है। अग्नि प्राइम मिसाइल हल्के मटेरियल से बनाई गई है।

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