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सामान्य ट्रेन से यात्रा करने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू, तय करेंगी 32 किमी का सफर; जानिए कैसी है तैयारियां

President Murmu Odisha Visit 90 साल बाद बादामपहाड़ के लोगों का सपना सच होगा और राष्ट्रपति मुर्मू का भी सपना पूरा होगा। इसके साथ ही आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले का बादामपहाड़ क्षेत्र राज्य के प्रमुख शहरों से राज्य के बाहर के रेल से सीधे जुड़ जाएगा। यही वजह है कि बादामपहाड़ स्टेशन को पूरी तरह से सजाया गया है। इससे स्थानीय लोग भी गदगद हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 19 Nov 2023 01:50 PM (IST)
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सामान्य ट्रेन से यात्रा करने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। बादामपहाड़ के लोगों का 90 साल पुराना सपना पूरा होगा। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी सपना पूरा होगा। आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले का बादामपहाड़ क्षेत्र राज्य के प्रमुख शहरों के साथ ही

राज्य के बाहर के रेल से सीधे जुड़ जाएगा। यही कारण है कि बादामपहाड़ स्टेशन को पूरी तरह से सजा संवार दिया गया है और स्थानीय निवासी खुशी से गदगद हो गए हैं।

1932 में पहली बार मयूरभंज में रेल सेवा हुई थी शुरू

1932 में राजशाही के शासनकाल के दौरान मयूरभंज राज्य में रेल सेवा शुरू की गई थी। बादामपहाड़ से टाटानगर तक नैरोगेज रेलवे ट्रैक बिछाया गया था। ट्रेन मयूरभंज के राजा द्वारा चलाई गई थी।

इसका मुख्य उद्देश्य बादामपहाड़ से टाटानगर और जमशेदपुर तक खनिजों का निर्यात करना था। बाद में राजशाही खत्म हुई। मयूरभंज राज्य को ओडिशा राज्य में मिला दिया गया। तब से मयूरभंज को ओडिशा राज्य में एक जिले के रूप में मान्यता दी गई है।

आदिवासी बहुल इस जिले का विकास शुरू हुआ। बादामपहाड़-टाटानगर रेलवे लाइन को छोटी लाइन से बड़ी लाइन में बदल दिया गया।

हर दिन सैकड़ों टन लौह अयस्क टाटानगर, पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों में जाने लगा। हालांकि, क्षेत्र के लोगों के लिए कोई यात्री ट्रेन नहीं चल रही थी। बाद में स्थानीय लोगों की मांग के चलते पैसेंजर ट्रेन चलाई गई।

इतने साल से इलाके को एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार

90 साल में बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन एक्सप्रेस ट्रेन से वंचित रहा। राष्ट्रपति बनने से पहले द्रौपदी मुर्मु ने एक्सप्रेस ट्रेन से अपने क्षेत्र को राज्य और देश के अन्य व्यावसायिक केंद्रों से जोड़ने के लिए कई बार प्रयास किया था।

2000 से 2002 तक जब वह राज्य के परिवहन मंत्री थी, उन्होंने कई प्रयास किए, लेकिन उनका सपना सच नहीं हुआ। अब जब द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बन गई हैं तो यह सपना सच होने जा रहा है। यह एक्सप्रेस ट्रेन 21 नवंबर को बादामपहाड़ से राउरकेला और कोलकाता के लिए चलेगी।

यहां तक कि एक यात्री ट्रेन उनके ससुराल क्षेत्र बादामपहाड़ से जन्ममाटी रायरंगपुर होते हुए चलेगी। यहां सबसे खुशी की बात यह है कि इन सभी ट्रेनों को खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी।

पहली बार सामान्य एक्सप्रेस में सफर करेंगी राष्ट्रपति

राष्ट्रपति न केवल तीन ट्रेनों का उद्घाटन करेंगी, बल्कि उनमें से एक में वह खुद यात्रा भी करेंगी। कोलकाता को जोड़ने वाली बादामपहाड़ शालीमार एक्सप्रेस के एसी-1 कोच में रायरंगपुर तक राष्ट्रपति लगभग 32 किलोमीटर की यात्रा करेंगी।

इसके साथ ही भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब भारत के राष्ट्रपति स्पेशल प्रेसिडेंशियल ट्रेन की जगह सामान्य एसी कोच में सफर करेंगी। राष्ट्रपति के साथ विभिन्न स्कूलों के करीब 200 छात्र-छात्राएं भी होंगी।

स्थानीय लोगों ने क्या कहा

स्थानीय निवासियों ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद से रायरंगपुर और बादामपहाड़ क्षेत्रों का विकास काफी तेजी से हो रहा है। इस बीच राष्ट्रपति की मयूरभंज की दो दिन की यात्रा के लिए व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं।

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने आज एक विशेष हेलीकॉप्टर के साथ ट्रायल रन किया। भारतीय वायु सेना के पांच सदस्यीय दल ने बारीपदा में जिला प्रशासन के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की है।

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