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ओडिशा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति भूमि हस्तांतरण विधेयक पर हंगामा, चार बजे तक के लिए स्थगित सदन की कार्यवाही

Odisha News ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है और लगातार तीसरे दिन भी विधानसभा में अनुसूचित जनजाति भूमि हस्तांतरण विधेयक पर जोरदार हंगामा हुआ जिसके चलते सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद विधानसभा में विरोध प्रदर्शन के बाद भाजपा विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल से इसकी शिकायत की।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 23 Nov 2023 03:38 PM (IST)
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ओडिशा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति भूमि हस्तांतरण विधेयक पर तीसरे दिन भी जारी।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का लगातार तीसरा दिन बिना किसी चर्चा के समाप्त हो गया। आदिवासियों की जमीन खरीद-बिक्री को लेकर कैबिनेट में लिए गए निर्णय को स्थगित नहीं, बल्कि तुरन्त वापस लेने के लिए भाजपा ए​वं कांग्रेस के विधायकों ने मांग करते हुए हंगामा किया।

राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे भाजपा विधायक

सदन में हंगामा जारी रहने से विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक ने सदन की कार्यवाही को अपराह्न 4 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया। वहीं सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा के विधायक इसकी जानकारी राज्यपाल को देने के लिए राजभवन पहुंचे।

अनुसूचित जनजाति भूमि हस्तांतरण विधेयक पर हंगामा

जानकारी के मुताबिक, अनुसूचित जनजाति भूमि हस्तांतरण विधेयक पर विपक्षी विधायकों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई जबकि विपक्ष चाहता था कि सरकार जवाब दे कि विधेयक को केवल स्थगित क्यों किया गया, पूरी तरह से वापस क्यों नहीं लिया गया।

इस संदर्भ में अपनी बात रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी के विधायक आज सांकेतिक भाव के तहत आदिवासी कपड़े पहनकर सदन में प्रवेश किए।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासियों को परेशान करने के लिए नीतियां बना रही है। वे वेल में आ गए और हंगामा करते हुए कहा कि जब तक सरकार विधेयक को पूरी तरह से वापस नहीं ले लेती तब तक वे विरोध प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे।

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आदिवासी विरोधी है राज्‍य सरकार: कांग्रेस

वहीं दूसरी तरफ आदिवासी जमीन बिक्री विवाद एवं विधेयक को लेकर कांग्रेस ने एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए कहा है कि राज्य सरकार आदिवासी विरोधी है। सरकार ने 14 नवम्बर को कैबिनेट में निर्णय लिया कि आदिवासी अपनी जमीन बेच सकते है, गिरवी रख सकते हैं।

हालांकि विरोध के बाद सरकार ने इस निर्णय को स्थगित कर दिया। सरकार का यह निर्णय बर्दाश्तयोग्य नहीं है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार इस निर्णय को स्थगति नहीं बल्कि वापस ले, वरना कांग्रेस राज्य भर में आन्दोलन करेगी।

बुधवार को भी स्‍थगित हुई थी सदन की कार्यवाही

कांग्रेस विधायक सुरेश चंद्र राउतराय ने कहा है कि यह ओडिशा सरकार द्वारा किया जा रहा अन्याय है। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार हमारी ही जमीन बेचने से भी पीछे नहीं हटेगी। ओडिशा सरकार को विधेयक को लागू करने से पहले उचित चर्चा करने की आवश्यकता है।

गौरतलब है कि इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को भी विधानसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई थी जब विपक्ष ने जनजातीय भूमि के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी लेकिन अध्यक्ष ने इस विषय पर चर्चा की अनुमति नहीं दी थी।

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