'पीएम मोदी का अरबपति राज ब्रिटिश राज से भी ज्यादा खराब', कांग्रेस का केंद्र पर हमला; बिलेनियर टैक्स पर पूछा सरकार का स्टैंड
Congress भारत में अरबपतियों को लेकर जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका अरबपति राज ब्रिटिश राज से भी अधिक असमान है। साथ ही जयराम ने बिलेनियर टैक्स को लेकर सरकार से उसका स्टैंड भी पूछा।
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को अमीरों की सूची को लेकर जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका 'अरबपति राज' ब्रिटिश राज से भी अधिक असमान है। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि सरकार की आर्थिक नीति-निर्माण की आधारशिला भी यही है।
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें हुरुन इंडिया रिच लिस्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि भारत ने 2023 के दौरान हर पांच दिन में एक नया अरबपति बनाया। जयराम रमेश ने पोस्ट में लिखा, 'भारत में 2023 में हर पांच दिन में एक अरबपति होगा और नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री का सबसे करीबी दोस्त उन सभी में सबसे प्रमुख है।'
आर्थिक असमानता पर आंख मूंदे बैठी है सरकार: जयराम
जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, 'मोदी का अरबपति राज ब्रिटिश राज से भी अधिक असमान है, लेकिन यह सरकार की आर्थिक नीति-निर्माण की आधारशिला भी है। यही कारण है कि ऐसे समय में जब दुनिया भर के देश वैश्विक अरबपति कर के विचार पर एकजुट हो रहे हैं, भारत सरकार स्पष्ट रूप से चुप है और तेजी से बढ़ती आर्थिक असमानताओं के प्रति आंखें मूंदे बैठी है।'
इससे पहले एक अन्य पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा, 'पूरी दुनिया में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि अरबपतियों को अपने करों का उचित हिस्सा अवश्य चुकाना चाहिए। दुनिया अरबपतियों पर 2% संपत्ति टैक्स लगाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। भारत में 167 अरबपति हैं। 2% संपत्ति टैक्स के हिसाब से हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपए आएंगे - जो हमारी जीडीपी का लगभग 0.5% है।'
बिलेनियर टैक्स पर पूछा सरकार का स्टैंड
जयराम ने इसे लेकर सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि "अरबपति कर" पर नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री का स्टैंड क्या है? इस महीने के अंत में रियो डी जनेरियो में G-20 की बैठक में जब इस पर चर्चा होगी तो भारत का पोजीशन क्या होगा?