Congress-SP Alliance: बुधवार की सुबह कैसे बदली फिजा? 24 घंटे के भीतर कुछ यूं बनी बात, पढ़िए गठबंधन की Inside Story
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच बुधवार को औपचारिक रूप से गठबंधन का एलान हो गया लेकिन मंगलवार तक दोनों दलों के बीच गतिरोध बना हुआ था और सपा ने पांच उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी थी। इसके बाद ऐसा क्या हुआ कि महज 24 घंटे के भीतर ही दोनों दल एक साथ आ गए और सीटों का एलान भी हो गया।
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच बुधवार को औपचारिक रूप से गठबंधन का एलान हो गया। पहले दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान चल रही थी और कांग्रेस के साथ एक-एक कर पार्टियां दूरी बना रही थी, लेकिन अंतत: समाजवादी पार्टी ने अपने पुराने सहयोगी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का मन बना लिया और सीट शेयरिंग फॉर्मूला भी तय हो गया, लेकिन यह फॉर्मूला गांधी परिवार के दखले के बाद ही तय हो पाया है।
सीट शेयरिंग फॉर्मूला
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को उतारेगी, जबकि बाकी बची 63 सीटों पर समाजवादी पार्टी और आईएनडीआईए के अन्य दल अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारेंगे। बुधवार को सपा-कांग्रेस की संयुक्त प्रेस वार्ता में इसका एलान हुआ।
इनसाइड स्टोरी
कांग्रेस-सपा के बीच गठबंधन को लेकर मंगलवार तक गतिरोध जारी रहा, लेकिन बुधवार की सुबह गांधी परिवार के एक सदस्य की सूझबूझ के दम पर गठबंधन तय हो सका और दोनों दलों के बीच का गतिरोध समाप्त हुआ। साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सार्वजनिक तौर पर यह कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात पर अपनी मुहर लगाई। दरअसल, पत्रकारों ने मुरादाबाद में अखिलेश यादव से सवाल किया कि क्या कांग्रेस के साथ होगा या नहीं? इस पर उन्होंने कहा- होगा।
गांधी परिवार का दखल और गठबंधन तय
सनद रहे कि सपा ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पांच उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की थी और ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस की सपा के साथ बात नहीं बनने वाली है, क्योंकि कांग्रेस और मायावती के नेतृत्व वाली बसपा के बीच गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन गांधी परिवार के दखल के बाद स्थिति बदली और पार्टी की सपा के साथ दूरियां कम होने लगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अखिलेश यादव से बातचीत के बाद सहमति बनी। दोनों नेताओं के बीच फोन पर बात हुई और मंगलवार तक जारी गतिरोध समाप्त हो गया। प्रियंका के साथ बातचीत के बाद अखिलेश का बयान भी सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि सपा का कांग्रेस से कोई विवाद नहीं है।
बसपा के साथ अब राह नहीं होगी आसान
सपा और बसपा ने पिछला लोकसभा चुनाव एकसाथ मिलकर लड़ा था, लेकिन इस बार बसपा के साथ किसी भी परिस्थिति में सपा साथ नहीं आने वाली है। तभी तो बसपा नामक बादल छटने के बाद अखिलेश यादव की नजदीकियां कांग्रेस के साथ बढ़ गईं। जब पत्रकारों ने कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के बसपा के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं वाले बयान का जिक्र किया तो इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि अब यह सब बात पुरानी हो गया। अखिलेश यादव के इस बयान से यह तो स्पष्ट है कि बसपा के लिए संभवत: कांग्रेस के दरवाजे बंद हो गए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)