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Opposition Meet: 'कांग्रेस को सत्ता या PM पद में कोई दिलचस्पी नहीं', खरगे बोले- संविधान की रक्षा करना कर्तव्य

बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम जानते हैं कि राज्य स्तर पर हममें से कुछ लोगों के बीच मतभेद हैं। ये मतभेद वैचारिक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये मतभेद इतने बड़े नहीं हैं कि हम आम आदमी और मध्यम वर्ग युवाओं गरीबों दलितों आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के लिए पीछे रहे।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 18 Jul 2023 01:50 PM (IST)
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खरगे बोले- संविधान की रक्षा करना कर्तव्य

बेंगलुरु, एएनआई। बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम जानते हैं कि राज्य स्तर पर हममें से कुछ लोगों के बीच मतभेद हैं। ये मतभेद वैचारिक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये मतभेद इतने बड़े नहीं हैं कि हम आम आदमी और मध्यम वर्ग, युवाओं, गरीबों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के लिए पीछे रहे।

खरगे ने भाजपा की रणनीति पर बोला हमला

खरगे ने कहा कि जिनके अधिकारों को पर्दे के पीछे चुपचाप कुचला जा रहा है, उनके लिए साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि हम यहां 26 पार्टियां हैं। हम सब मिलकर आज 11 राज्यों में सरकार में हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं। उसने अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और सत्ता में आई और फिर उन्हें त्याग दिया।

मल्लिकार्जुन खरगे ने सत्ता में आने या पीएम पद को लेकर कहा हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। उन्होंने कहा

मैंने एमके स्टालिन के जन्मदिन पर चेन्नई में पहले ही कहा था कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए है।

केंद्रीय एजेंसियों पर खरगे का निशाना

कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि आज भाजपा अध्यक्ष और उनके नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भाग-दौड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर संस्था को विपक्ष के खिलाफ हथियार बनाया जा रहा है। सीबीआई, ईडी और आयकर का नियमित रूप से उपयोग किया जाता है।

उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं पर झूठे आपराधिक मामले दर्ज कराए जाते हैं ताकि वे कानूनी प्रक्रिया में फंस जाएं। हमारे सांसदों को निलंबित करने के लिए संवैधानिक प्राधिकारियों का उपयोग किया जाता है। विधायकों को भाजपा में जाने और सरकारें गिराने के लिए ब्लैकमेल या रिश्वत दी जा रही है।