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UPA राज में बने मंत्री, कांग्रेस से परिवार का 55 साल पुराना नाता; मिलिंद देवरा का पार्टी से क्यों हुआ मोहभंग?

Who is Milind Deora वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मिलिंद देवरा ने कांग्रेस पार्टी से आज इस्तीफा दे दिया है। देवरा के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मिलिंद के परिवार का कांग्रेस से 50 साल से भी ज्यादा का रिश्ता रहा है जो आज खत्म हो गया। आइए मिलिंद देवरा और उनके राजनीतिक सफर के बारे में जानें...

By Mahen Khanna Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 14 Jan 2024 02:15 PM (IST)
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Who is Milind Deora मिलिंद देवरा और उनके राजनीतिक सफर पर नजर।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Who is Milind Deora भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से पहले आज कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा। वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मिलिंद देवरा ने कांग्रेस पार्टी से आज इस्तीफा दे दिया है। देवरा के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। 

मिलिंद (Milind Deora Resign Congress) के परिवार का कांग्रेस से 50 साल से भी ज्यादा का रिश्ता रहा है, जो आज खत्म हो गया। आइए, मिलिंद देवरा और उनके राजनीतिक सफर के बारे में जानें...

  • मिलिंद को हाल ही में AICC का संयुक्त कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वो दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर दावा करने वाली उद्धव ठाकरे की शिवसेना को ये सीट न देने पर अड़े थे। मिलिंद के कांग्रेस छोड़ने का कारण भी इसे बताया जा रहा है।
  • मिलिंद के अब शिंदे गुट की शिवसेना में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
  • मिलिंद देवरा अनुभवी राजनेता मुरली देवरा के बेटे है। मिलिंद ने बोस्टन विश्वविद्यालय के क्वेस्ट्रॉम स्कूल ऑफ बिजनस से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रैजुएशन की है।
  • 2004 के आम चुनावों में भाजपा की जयवंतीबेन मेहता को दस हजार से ज्यादा वोटों से हराने के बाद  मिलिंद देवरा मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से संसद सदस्य बने थे।
  • 2011 में मिलिंद देवरा का कद और बढ़ गया और उन्हें केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री बनाया गया। इसके अलावा अक्टूबर 2012 में उन्होंने जहाजरानी राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली।
  • 2019 में मिलिंद ने मुंबई कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। 

इसलिए अहम है मुंबई दक्षिण की सीट

बता दें कि मिलिंद देवरा के लिए मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र इसलिए भी अहम है, क्योंकि इस सीट से वो और उनके पिता मुरली दोनों ही लोकसभा चुनाव जीते थे। मिलिंद के पिता 2006 से 2011 तक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री थे, जबकि मिलिंद ने भी दो मंत्रालय संभाले थे।