पंजाब के 23 जिलों में 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस की शुरुआत, विद्यार्थियों में पैदा कर रहे 'मैं भी कर सकता हूं' का आत्मविश्वास
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं स्कूल की वर्दी स्कूल की बिल्डिंग कहने को तो छोटी बात लगती हैं लेकिन यह विद्यार्थी के दिमाग पर पूरा असर करती हैं। अगर विश्वास हो तो आप नदी पार कर जाओ नहीं तो गिलहरी आधे रास्ते जाकर वापस आ जाती है। स्कूल आफ एमिनेंस उस विश्वास को पैदा कर रही हैं कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे नदी पार कर सकते हैं।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। मैं ही कर सकता हूं। मैं भी कर सकता हूं। इन दो वाक्यों में भले ही आम व्यक्ति ज्यादा अंतर न महसूस कर पाए लेकिन दोनों ही वाक्यों में जमीन आसमान का अंतर है। मैं ही कर सकता हूं, में अति विश्वास और मैं भी कर सकता हूं, में विश्वास झलकता हैं। इस फर्क को समझते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब के 23 जिलों में 118 स्कूल आफ एमिनेंस खोले।
स्कूल आफ एमिनेंस विद्यार्थियों में मैं भी कर सकता हूं, की भावना पैदा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं, मेरा पिता शिक्षक थे। मैं भी सरकारी स्कूल में ही पढ़ा। मैं समझ सकता हूं कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी क्रिएटिव होते हैं। बस जरूरत हैं उनकी प्रतिभा को पहचानने की, उनके मन की हिचक को दूर करने की।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं, स्कूल की वर्दी, स्कूल की बिल्डिंग कहने को तो छोटी बात लगती हैं, लेकिन यह विद्यार्थी के दिमाग पर पूरा असर करती हैं। अगर विश्वास हो तो आप नदी पार कर जाओ नहीं तो गिलहरी आधे रास्ते जाकर वापस आ जाती है। स्कूल आफ एमिनेंस उस विश्वास को पैदा कर रही हैं कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे नदी पार कर सकते हैं।
स्कूल ऑफ एमिनेंस में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की ड्रेस निजी स्कूलों की तरह ही खास है। पंजाब सरकार भले ही विद्यार्थियों को यह ड्रेस मुफ्त में दे रही है लेकिन इस ड्रेस की डिजाइनिंग की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) बंगलुरु से करवाई गई। यही ही नहीं, स्कूल आफ एमिनेंस की बिल्डिंग हो या क्लास रूम, ग्रीन बोर्ड हो या प्रयोगशाला, स्वीमिंग पूल हो या योगशाला सभी सेक्शन विद्यार्थियों में विश्वास पैदा कर रहा हैं कि प्राइवेट स्कूल के विद्यार्थियों की तरह वह भी कर सकते हैं।