पांच महीने बाद आरोपी ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुनील चौधरी ने किया सरेंडर, 3 दिन की मिली रिमांड; दुकानदार से ली 1 लाख रुपये की रिश्वत
Chandigarh News एक लाख रुपये रिश्वत मामले में आरोपित ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुनील चौधरी ने वीरवार को जिला अदालत में आत्मसमर्पण किया है। वह लगभग पांच महीने से फरार चल रहा था। कोर्ट ने सुनील चौधरी को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपित सुनील चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुई उसे सरेंडर करने के लिए कहा था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। Chandigarh News: एक लाख रुपये रिश्वत मामले में आरोपित ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुनील चौधरी ने वीरवार को जिला अदालत में आत्मसमर्पण किया है। वह लगभग पांच महीने से फरार चल रहा था। कोर्ट ने सुनील चौधरी को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट ने की जमानत याचिका खारिज
आरोपित ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला अदालत और उसके बाद पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। लेकिन दोनों अदालतों से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपित सुनील चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुई उसे सरेंडर करने के लिए कहा था। इसके अगले दिन सुनील ने वीरवार सुबह लगभग 11 बजे जिला अदालत में आत्मसमर्पण किया।
सुनील चौधरी के खिलाफ सितंबर में दर्ज हुआ था मामला
सुनील चौधरी के खिलाफ सितंबर 2023 में विजिलेंस ने केस दर्ज किया था। हालांकि शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने बिचौलिए अशोक नरूला को रिश्वत की पहली किस्त 25 हजार रुपये लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। आरोपित अधिकारी को स्वास्थ्य विभाग निलंबित कर चुका है।
यह भी पढ़ें- Chandigarh Budget 2024: चंडीगढ़ की बल्ले-बल्ले, केंद्र से मिला 6 हजार 513 करोड़ का बजट; पिछले साल से सात प्रतिशत बढ़ा
दुकानदार से मांगी थी एक लाख रुपये की रिश्वत
धनास स्थित आर्थोपेडिक सर्जिकल स्टोर में छापेमारी कर खामियां बताकर सील न करने के एवज में ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुनील चौधरी ने स्टोर संचालक देव शरण शाहा से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
बाद में सौदा 80 हजार रुपये में तय हुआ। स्टोर संचालक देव शरण शाहा ने इसकी शिकायत विजिलेंस को दी। जब बिचौलिया अशोक नरूला सेक्टर-20 में देव शरण शाहा से रिश्वत की पहली रकम 25 हजार रुपये लेने आया तो पहले से ही ट्रैप लगाए विजिलेंस की टीम ने उसे रिश्वत की रकम लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।